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ई-कॉमर्स कंपनियों की मार्केट बिगाड़ने वाली नीति से सरकार को दिक्कत, रिटेलर्स को दिया सरकार से जुड़ने का न्यौता

सरकार को फ्लैश सेल से दिक्कत नहीं है . सरकार की परेशानी ई कामर्स कंपनियों की बाजार को बिगाड़ने वाली कीमत और धोखाधड़ी के तरीके अपनाने से है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर

E-Commerce Sites : ई- कामर्स साइट्स पर पूरे साल किसी न किसी तरह की सेल चलती रहती है. इनमें से एक फ्लैश सेल भी होती है जिसमें कस्टमर्स को कई बार शानदार डील मिल जाती है, लेकिन सरकार को कंपनियों की ये फ्लैश सेल वाली नीति पसंद नहीं. वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि सरकार को फ्लैश सेल से दिक्कत नहीं है लेकिन ई कामर्स कंपनियां बाजार को बिगाड़ने वाली कीमत और धोखाधड़ी के तरीके अपनाकर  कस्टमर्स की पसंद को कंट्रोल करने की कोशिश करती है . उस तरीके से सरकार को ऐतराज है. क्योंकि ऐसा करके ऑनलाइन रिटेलर कस्टमर को स्पॉन्सर्ड प्रोडक्ट्स को खरीदने के लिए प्रेरित करते हैं. ये वास्तव में कस्टमर के साथ धोखा है और इस तरह की नीतियां बाजार के लिए गलत हैं. मंत्री ने इसे साफ तौर पर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों के खिलाफ बताया है.

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किन बातों से सरकार को है ऐतराज –

वाणिज्य मंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सरकार को मात्र 2 बातों से दिक्कत है. अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा  कि “मेरी दो आपत्तियां हैं. पहला उत्पादों की डंपिंग कर बाजार का मूल्य बिगाड़ना और दूसरा उपभोक्ताओं के लिए विकल्प को सीमित करना है. केंद्रीय मंत्री ने कहा, “हम सिर्फ ई-कॉमर्स नीति के तहत सिर्फ उस धोखाधड़ी को रोकना चाहते हैं.”

सरकार से जुड़ने का न्यौता-

वाणिज्य मंत्री ने रिटेलर्स, बड़े और छोटे खुदरा कारोबारियों को सरकार प्रवर्तित डिजिटल वाणिज्य के लिये खुले नेटवर्क (ओएनडीसी) की सुविधा से जुड़ने के लिये कहा. उन्होंने इसे एक बड़ा अवसर बताते हुए कहा कि डिजिटल तरीके से कारोबार के लिये खुले नेटवर्क का मकसद खुदरा ई-कॉमर्स के लिये एक मुक्त और स्वतंत्र मंच को बढ़ावा देना है. इस कदम से छोटे रिटेलर्स को ई-कॉमर्स के जरिये अपने कारोबार को बढ़ाने में मदद मिलेगी और बड़ी कंपनियों का दबदबा भी कम होगा.

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