
भारत ने पिछले दशक में अपनी रक्षा निर्यात को बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. इस दिशा में एक महत्वपूर्ण सफलता ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम रही है, जो भारत के रक्षा निर्यात को एक नई पहचान दिलाने में सफल रही है. हाल ही में, भारत ने फिलीपींस को ब्रह्मोस मिसाइल का दूसरा बैच भेजा है, जो भारतीय रक्षा निर्यात की सफलता को और भी मजबूत करता है.
ब्रह्मोस मिसाइल की सफलता
ब्रह्मोस, जो भारत और रूस का संयुक्त उपक्रम है, एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है. यह मिसाइल बेहद सटीक है और इसे भूमि, समुद्र और वायु से लॉन्च किया जा सकता है. ब्रह्मोस को भारतीय रक्षा उद्योग के सबसे प्रमुख उत्पादों में से एक माना जाता है और इसने भारत को वैश्विक रक्षा बाजार में एक मजबूत स्थिति दी है. फिलीपींस को ब्रह्मोस मिसाइल की आपूर्ति भारत का पहला बड़ा रक्षा निर्यात आदेश था, जो 2022 में हुआ था. इसके तहत फिलीपींस को तीन बैटरी ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम की आपूर्ति की जाएगी.
फिलीपींस को मिसाइल की आपूर्ति
भारत ने फिलीपींस को दूसरा ब्रह्मोस बैच समुद्र मार्ग से भेजा है. इससे पहले, अप्रैल 2024 में भारत ने पहला बैच भारतीय वायु सेना के सी-17 ग्लोबमास्टर परिवहन विमान से भेजा था. यह कदम भारत की रक्षा उद्योग की बढ़ती क्षमता और अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी पकड़ को प्रदर्शित करता है. फिलीपींस के लिए इस सौदे का मूल्य 374.96 मिलियन डॉलर (लगभग 2,700 करोड़ रुपये) था.
भारत के रक्षा बजट और निर्यात लक्ष्य
भारत का रक्षा बजट 2013-14 में 2.53 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2025-26 में 6.81 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि इस वर्ष भारत का रक्षा उत्पादन 1.60 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है और 2029 तक इस आंकड़े को 3 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य है. रक्षा निर्यात भी पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है, और भारत का लक्ष्य 2024-25 में रक्षा निर्यात को 23,622 करोड़ रुपये तक पहुंचाने का है, जबकि यह 2029 तक 50,000 करोड़ रुपये तक पहुंचाने की योजना है.
आत्मनिर्भरता और वैश्विक नेतृत्व की दिशा में कदम
भारत की बढ़ती रक्षा क्षमता का मुख्य उद्देश्य न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करना है, बल्कि यह वैश्विक आपूर्ति संकटों से बचने और आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाने का भी प्रयास है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत की रक्षा क्षमताएं किसी संघर्ष को उकसाने के लिए नहीं हैं, बल्कि यह एक विश्वसनीय रक्षा सुनिश्चित करने और शांति बनाए रखने के लिए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के रक्षा क्षेत्र का पुनरुद्धार और सशक्तिकरण सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में से एक है.
भारत का भविष्य और अंतरराष्ट्रीय रक्षा बाजार में स्थिति
भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता में वृद्धि और निर्यात के आंकड़े वैश्विक रक्षा बाजार में भारत की महत्वपूर्ण स्थिति को उजागर करते हैं. भारत अब न केवल अपनी सीमाओं की सुरक्षा कर रहा है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभर रहा है. यह विकास भारत के आत्मनिर्भर और भविष्य के लिए तैयार रक्षा क्षेत्र की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
भारत के रक्षा निर्यात में ब्रह्मोस मिसाइल ने सफलता की एक नई मिसाल स्थापित की है. आने वाले वर्षों में भारत का लक्ष्य अपनी रक्षा उत्पादन क्षमता और निर्यात दोनों को और बढ़ाना है, और यह सुनिश्चित करना है कि भारत वैश्विक रक्षा क्षेत्र में एक प्रमुख ताकत बन सके.
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-भारत एक्सप्रेस
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