Bharat Express

भारतीय खिलौनों के निर्यात में वित्त वर्ष 15 की तुलना में 239% की वृद्धि, विकल्प के रूप में उभर रहा भारत

उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के कहने पर भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) लखनऊ द्वारा आयोजित “भारत में निर्मित खिलौनों की सफलता की कहानी” पर एक केस स्टडी में ये अवलोकन किए गए हैं.

सांकेतिक तस्वीर.

भारतीय बाजारों में उपलब्ध खिलौनों की समग्र गुणवत्ता में सुधार पर प्रकाश डालते हुए एक स्टडी से पता चला है कि भारतीय खिलौना उद्योग ने वित्त वर्ष 2022-23 (FY23) में वित्त वर्ष 15 की तुलना में आयात में 52 प्रतिशत की गिरावट और निर्यात में 239 प्रतिशत की वृद्धि देखी है. उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के कहने पर भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) लखनऊ द्वारा आयोजित “भारत में निर्मित खिलौनों की सफलता की कहानी” पर एक केस स्टडी में ये अवलोकन किए गए हैं.

सकल बिक्री मूल्य में 10 प्रतिशत से वृद्धि

रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार के प्रयासों से भारतीय खिलौना उद्योग के लिए अधिक अनुकूल मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम का निर्माण संभव हुआ है. रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि 2014 से 2020 तक छह वर्षों की अवधि में विनिर्माण इकाइयों की संख्या दोगुनी हो गई है, आयातित इनपुट पर निर्भरता 33 प्रतिशत से घटकर 12 प्रतिशत हो गई है, सकल बिक्री मूल्य में 10 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से वृद्धि हुई है और श्रम उत्पादकता में समग्र वृद्धि हुई है.

जीरो ड्यूटी मार्केट से राह आसान

रिपोर्ट में विश्लेषण किया गया है कि भारत वैश्विक खिलौना मूल्य श्रृंखला में देश के एकीकरण के साथ-साथ संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और ऑस्ट्रेलिया सहित देशों में घरेलू रूप से निर्मित खिलौनों के लिए शून्य-शुल्क बाजार (Zero Duty Market) पहुंच के कारण एक शीर्ष निर्यातक देश के रूप में उभर रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को चीन और वियतनाम जैसे दुनिया के मौजूदा खिलौना केंद्रों के लिए एक व्यवहार्य विकल्प के रूप में स्थापित करने के लिए खिलौना उद्योग और सरकार के बीच लगातार सहयोगी प्रयास जरूरी हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, ये प्रयास प्रौद्योगिकी में प्रगति, ई-कॉमर्स को अपनाने, साझेदारी और निर्यात को प्रोत्साहित करने, ब्रांड निर्माण में निवेश करने, बच्चों के साथ संवाद करने के लिए शिक्षकों और अभिभावकों को जोड़ने, सांस्कृतिक विविधता को महत्व देने और क्षेत्रीय कारीगरों के साथ सहयोग करने के लिए महत्वपूर्ण हैं.

-भारत एक्सप्रेस



इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.

Also Read