
देश में बिल्डिंग मटेरियल सेक्टर में नौकरियों की मांग में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी जा रही है. इसका मुख्य कारण है तेजी से होता शहरीकरण, बुनियादी ढांचे का विकास और औद्योगिक विस्तार. यह जानकारी स्टाफिंग कंपनी सिएल एचआर CIEL HR की रिपोर्ट ‘बिल्डिंग मटेरियल सेक्टर – टैलेंट ट्रेंड्स एंड इनसाइट्स’ के अनुसार, जनवरी 2023 से जनवरी 2025 के बीच इस क्षेत्र में हायरिंग में 30 फीसदी की वृद्धि हुई है.
CIEL HR सर्विसेज के एमडी और सीईओ आदित्य नारायण मिश्रा का कहना है कि “जैसे-जैसे लोगों की आय में वृद्धि हो रही है, हम निर्माण, शहरीकरण और रियल एस्टेट क्षेत्रों में मजबूत वृद्धि की उम्मीद कर सकते हैं. यह सीधे तौर पर बिल्डिंग मैटेरियल इंडस्ट्री को बढ़ावा देगा, जिससे नए अवसर पैदा होंगे और दीर्घकालिक प्रगति होगी.”
तकनीक के साथ बदल रही है इंडस्ट्री
रिपोर्ट के मुताबिक, 3D प्रिंटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) जैसी तकनीकों के आने से मैन्युफैक्चरिंग के तरीके बदल रहे हैं. अब कंपनियों को ऐसे टैलेंट की तलाश है जो मटेरियल साइंस, सस्टेनेबिलिटी और एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग में दक्ष हो.
सबसे ज्यादा मांग जिन पदों की है, उनमें शामिल हैं – प्लांट मैनेजर, प्रोडक्शन मैनेजर, सप्लाई चेन मैनेजर, सेल्स मैनेजर, एनवायरनमेंट एंड सस्टेनेबिलिटी स्पेशलिस्ट, डिजाइन इंजीनियर, R&D इंजीनियर, क्वालिटी कंट्रोल, स्ट्रक्चरल इंजीनियर और सेफ्टी इंजीनियर. हालांकि नौकरियां बढ़ रही हैं, लेकिन इस सेक्टर में महिलाओं की भागीदारी सिर्फ 12% है, जो अन्य क्षेत्रों की तुलना में बेहद कम है.
हायरिंग में मेट्रो शहरों का दबदबा
रिपोर्ट में बताया गया कि 81% जॉब पोस्टिंग टियर-1 शहरों से हैं. इनमें हैदराबाद (14%), बेंगलुरु (13%), दिल्ली-एनसीआर (12%), चेन्नई (8%), अहमदाबाद (7%) और पुणे (7%) प्रमुख हैं. देश में स्मार्ट सिटी, हरित निर्माण और औद्योगिक विकास पर बढ़ते फोकस को देखते हुए अनुमान है कि आने वाले वर्षों में भी यह हायरिंग ट्रेंड जारी रहेगा.
-भारत एक्सप्रेस
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