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सबसे बड़े रिन्यूएबल एनर्जी पार्क से महाराष्ट्र को सप्लाई होगी 5000 मेगावाट से ज्यादा सौर ऊर्जा, MSEDCL का अडानी ग्रुप की कंपनियों से समझौता

अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड, महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के साथ आशय पत्र के तहत एक दीर्घकालिक विद्युत क्रय समझौते पर हस्ताक्षर करेगी.

Adani Enterprises Ltd (AEL)

भारत की सबसे बड़ी रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) गुजरात के कच्छ जिले के खावड़ा में विकसित किए जा रहे दुनिया के सबसे बड़े रिन्यूएबल एनर्जी पार्क से महाराष्ट्र राज्य को 5 गीगावाट (5000 मेगावाट) सोलर एनर्जी की आपूर्ति के लिए महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (MSEDCL) के साथ LOI (आशय पत्र) के तहत एक दीर्घकालिक बिजली खरीद समझौते (PPA) पर हस्ताक्षर करेगी. ये समझौता अडानी पावर लिमिटेड को दी गई निविदा शर्तों के तहत होगा.

अडानी पावर लिमिटेड (एपीएल) के एक बयान में कहा गया, “भारत की सबसे बड़ी निजी थर्मल पावर उत्पादक कंपनी, महाराष्ट्र राज्य को एक नई 1600 मेगावाट अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल थर्मल पावर परियोजना से 1496 मेगावाट (शुद्ध) थर्मल पावर की आपूर्ति के लिए MSEDCL के साथ एक दीर्घकालिक बिजली आपूर्ति समझौते (पीएसए) पर हस्ताक्षर करेगी.”

महाराष्ट्र को मिलेगी हजारों मेगावाट रिन्यूएबल एनर्जी

गौरतलब है कि महाराष्ट्र राज्य भारत के सौर ऊर्जा परिदृश्य में सबसे आगे रहा है. इसने राष्ट्रीय अक्षय ऊर्जा क्षमता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. AGEL राज्य के अक्षय ऊर्जा मिश्रण को बढ़ावा देने में योगदान दे रहा है, जो नई प्रदान की गई क्षमता के तहत आपूर्ति के साथ और भी विस्तारित होगा. जैसलमेर में AGEL के पवन-सौर हाइब्रिड क्लस्टर ने मार्च 2023 में मुंबई शहर को हरित ऊर्जा से बिजली देना शुरू कर दिया, जून 2024 तक मुंबई वितरण सर्कल के ऊर्जा मिश्रण में अक्षय ऊर्जा की हिस्सेदारी 37 फीसदी थी.

एमएसईडीसीएल द्वारा संयुक्त रूप से 1600 मेगावाट तापीय और 5000 मेगावाट सौर ऊर्जा की खरीद के लिए शुरू की गई प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से 6600 मेगावाट क्षमता हासिल की गई है. निविदा की शर्तों के अनुसार एपीएल को सौर ऊर्जा क्षमता के साथ-साथ तापीय बिजली क्षमता के लिए भी बोली लगाने की अनुमति है, जिसे समूह की एक कंपनी द्वारा आपूर्ति की जा सकती है। तदनुसार एपीएल ने एजीईएल की ओर से 5000 मेगावाट सौर क्षमता के लिए भी बोली लगाई, जिससे तापीय और सौर ऊर्जा क्षेत्रों में दोनों संस्थाओं के संबंधित प्रतिस्पर्धी लाभ और ताकत का लाभ उठाया जा सके.

-भारत एक्सप्रेस

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