

तृणमूल कांग्रेस के सांसद महुआ मोइत्रा की ओर से दायर अवमानना याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट 9 मई को सुनवाई करेगा. महुआ मोइत्रा ने यह नई अर्जी दायर की है. जिस पर जस्टिस मनमीत सिंह प्रीतम सिंह अरोड़ा की कोर्ट सुनवाई कर रही है. महुआ मोइत्रा ने यह अर्जी बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत दहाद्राई के खिलाफ यह अवमानना अर्जी दायर किया है.
अर्जी में हाल ही में किए गए कथित अपमानजनक सोशल मीडिया पोस्ट के खिलाफ दाखिल की है. मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने निशिकांत दुबे के वकील से पूछा क्या इस बीच उनकी पोस्ट को निष्क्रिय किया जा सकता है? दुबे के वकील ने यह भी कहा कि महुआ मोइत्रा अपने सोशल मीडिया पोस्ट में दुबे को लगातार “पिटबुल” कह रही हैं, जिसकी अनुमति नहीं दी जा सकती है.
दुबे ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि सीबीआई ने महुआ मोइत्रा के कथित विदेशी अकाउंट्स और खर्चो के संबंध में लोकपाल के समक्ष मामला दर्ज किया और उन्हें हाल ही में इस संबंध में एक पत्र मिला है. निशिकांत दुबे की ओर से सीनियर एडवोकेट अभिमन्यु भंडारी उपस्थित हुए और बताया कि फेसबुक पोस्ट लोकपाल के फैसले पर आधारित हैं, उन्होंने यह भी कहा कि दुबे को लोकपाल या किसी अन्य संस्था से कोई नया पत्र नहीं मिला.
निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर लगाया आरोप
बकैश फॉर क्वेरी केस में महुआ मोइत्रा की 8 दिसंबर 2023 को लोकसभा सदस्यता खत्म कर दी गई थी. भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर आरोप लगाया था कि उन्होंने पैसे लेकर सवाल पूछे थे. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से शिकायत करने के बाद एथिक्स कमेटी बनाई गई थी.
कमेटी ने महुआ मोइत्रा को दोषी माना. जिसके बाद उनकी सांसदी छिन गई थी. महुआ मोइत्रा ने निशिकांत दुबे पर मानहानि का केस भी दायर किया था. मोइत्रा ने आरोप लगाया था कि निशिकांत दुबे और सुप्रीम कोर्ट के वकील वकील जय अनंत दहाद्राई ने कैश फॉर क्वेरी केस के जरिए उनकी छवि को धूमिल किया है.
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-भारत एक्सप्रेस
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