
पूर्वोत्तर भारत में प्रत्यक्ष बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई.
Northeast India sees 16% Growth in Direct Selling: पूर्वोत्तर भारत में डायरेक्ट सेलिंग उद्योग ने 2022-23 में 16% की वृद्धि दर्ज की है और ₹1854 करोड़ की बिक्री का आंकड़ा पार किया है. भारतीय डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन (IDSA) द्वारा आयोजित 2nd Northeast Direct Selling Conference और Expo में यह जानकारी दी गई. इस सम्मेलन में असम और अन्य आठ राज्यों ने इस सफलता में अहम योगदान दिया.
असम, जो देश में डायरेक्ट सेलिंग के 9वें सबसे बड़े बाजार के रूप में उभरा है, ₹1009 करोड़ की बिक्री के साथ 13% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की है. राज्य में 2.4 लाख से अधिक डायरेक्ट सेलर्स काम कर रहे हैं. अन्य सात राज्यों ने मिलकर ₹845 करोड़ का योगदान किया, जिसमें नागालैंड, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा और अन्य राज्यों का नाम शामिल है.
महिलाओं का योगदान और उद्योग की भूमिका
इस उद्योग में महिलाओं का योगदान उल्लेखनीय रहा है. सम्मेलन के दौरान, 45 महिला उद्यमियों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया. प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट की अध्यक्ष रिनिकी भुइयां सरमा ने महिलाओं के साहसिक प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि महिलाओं ने समाज में सशक्त परिवर्तन लाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त की है.
आर्थिक योगदान और उपभोक्ता संरक्षण
इस उद्योग ने प्रत्येक वर्ष लगभग ₹300 करोड़ का योगदान राज्य सरकारों के खजाने में किया है. असम की उपभोक्ता मामले की सचिव अनसूआ दत्ता बरुआ ने उद्योग के विकास में उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा की दिशा में राज्य सरकार के प्रयासों का उल्लेख किया. उन्होंने यह भी कहा कि डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों को उपभोक्ता सुरक्षा नियमों का पालन करना चाहिए.
उद्योग के भविष्य की दिशा
IDSA के चेयरमैन विवेक कटोच ने कहा कि पूर्वोत्तर भारत डायरेक्ट सेलिंग उद्योग के लिए एक प्रमुख और प्राथमिक बाजार बन चुका है, और यहां के 4.2 लाख डायरेक्ट सेलर्स की कड़ी मेहनत से यह उद्योग नई ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए तैयार है.
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