प्रतीकात्मक तस्वीर
TCS ON CREDIT CARD SPENDING : भारत सरकार ने विदेशों में क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल पर 20 फीसदी टैक्स ( tcs ) लगाने का फैसला किया हैसरकार के इस नियम से कुछ कंपनियां और स्टार्टअप्स परेशान हैं. दरअसल ये कंपनियां अपने कर्मचारियों को विदेश यात्राओं के दौरान क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल की इजाजत देती हैं लेकिन अब कंपनियों को टैक्स बढ़ने के बाद ऐसा लग रहा है कि उनके पास शार्टटर्म में कैशफ्लो की दिक्कत आ सकती है. इसकी एक वजह भारत सरकार द्वारा फेमा ( FEMA ) एक्ट में बदलाव किया है. अब क्रेडिट कार्ड को भी सरकार ने फेमा के दायरे में शामिल कर लिया है. इस वजह से भी लोग काफी परेशान है.
ये भी पढ़ें- 3% लिस्टिंग गेन के साथ Nexus Select Trust के शेयरों की मार्केट में एंट्री
दरअसल कंपनियों का कहना है कि नियम पहले भी था लेकिन पहले 5 फीसदी का टैक्स पड़ रहा था. अब ये टैक्स 20 फीसदी है और रिफंड एक साल के बाद मिलेगा . ऐसे में कैश की किल्लत होना लाजमी है. कंपनियों का मानना है कि इससे बिजनेस खत्म हो जाएगा.
ये नियम ऐसी कंपनियों के लिए जो विदेशों से प्रोजेक्ट लेती हैं . उनके लिए कम्प्लायंस की दिक्कत खड़ी कर सकता है. हालांकि ये टैक्स पाइनल लायबिलिटी नहीं है लेकिन पैसा एक-2 साल के लिए फंस जाता है. जिसकी वजह से नए बिजनेस और स्टार्टअप्स को ग्रो करने में दिक्कत महसूस होना स्वाभाविक है.
ये भी पढ़ें- एलन मस्क का बड़ा ऐलान , Twitter के Blue सब्सक्राइबर्स 2 घंटे का वीडियो कर पाएंगे अपलोड
सिर्फ बिजनेस वर्ल्ड ही नहीं बलिक फॉरेन ट्रिप पर जा रहे या वहां पढ़ाने करने वाले और अपने इलाज के लिए अगर कोई विदेश जाता है तो उन्हें भी विदेशों में क्रेडिट कार्ड के खर्च पर 20 फीसदी का टैक्स देना पड़ेगा. यानि कुल मिलाकर 1 जुलाई से लागू होने वाले इस नियम से फिलहाल किसी को कोई फायदा नजर नहीं आ रहा है.
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.