भारतीय रिजर्व बैंक (RBI)
RBI Repo Rate: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से बुधवार को मौद्रिक नीति समीति (MPC) के निर्णय का ऐलान किया गया. केंद्रीय बैंक द्वारा रेपो रेट को 6.5% पर स्थिर रखा गया है.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने कहा कि MPC के छह में से पांच सदस्य रेपो रेट को 6.5% पर बरकरार रखने के पक्ष में थे.
ब्याज दरों को स्थिर रखने के साथ एमपीसी की ओर से मौद्रिक नीति रुख को विड्रॉइंग अकोमोडेशन से न्यूट्रल कर दिया गया है. इससे केंद्रीय बैंक को महंगाई की दिशा के मुताबिक, ब्याज दरों को तय करने में मदद मिलेगी.
इस वित्त वर्ष में 7.2% रहेगी जीडीपी वृद्धि दर
गवर्नर ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में जीडीपी वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत पर रह सकती है. हालांकि, वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही के जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 7% कर दिया, जो कि पहले 7.2% थी.
इसके अलावा वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही के लिए विकास दर के अनुमान को बढ़ाकर 7.4% कर दिया गया है, जो कि पहले 7.3% था. वहीं, वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही के लिए विकास दर के अनुमान को बढ़ाकर 7.4% कर दिया गया है, जो कि पहले 7.2 प्रतिशत था. वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही के लिए विकास दर के अनुमान को बढ़ाकर 7.3% कर दिया गया है, जो कि पहले 7.2% था.
महंगाई दर 4.5% पर रह सकती है: शक्तिकांत दास
केंद्रीय बैंक के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 में महंगाई दर 4.5% पर रह सकती है. इसके अलावा वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में महंगाई दर के अनुमान को 4.4% से घटाकर 4.1%, तीसरी तिमाही में महंगाई दर के अनुमान को 4.7% से बढ़ाकर 4.8% और चौथी तिमाही में महंगाई दर के अनुमान को 4.3% से घटाकर 4.2% कर दिया. वहीं, वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही के महंगाई दर के अनुमान को 4.4% से घटाकर 4.3% कर दिया गया है.
गवर्नर दास की ओर से कहा गया कि सितंबर के आंकड़ों में महंगाई बढ़ने का अनुमान है. इसकी वजह खाद्य उत्पादों की कमीतें, प्रतिकूल आधार हाल ही में बड़ी मेटल की कीमतें हैं.
— भारत एक्सप्रेस