आरईसी पावर डेवलपमेंट एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड (आरईसीपीडीसीएल), आरईसी लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी ने अंतर राज्य ट्रांसमिशन के निर्माण के लिए गठित 5 परियोजना विशिष्ट एसपीवी सौंप दिए हैं। यह बोली 9 फरवरी 2024 को टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली (टीबीसीबी) के माध्यम से लगाई गई। मेसर्स पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पीजीसीआईएल), मेसर्स इंडिग्रिड 2 लिमिटेड और इंडिग्रिड 1 लिमिटेड (कंसोर्टियम) और मेसर्स अप्रावा एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड सफल बोलीदाता थे। वहीं, विद्युत मंत्रालय, भारतसरकार और आरईसीपीडीसीएल बोली प्रक्रिया के समन्वयक थे।
आरईसीपीडीसीएल के सीईओ राजेश कुमारऔर आरईसीपीडीसीएल, आरईसी लिमिटेड, पीजीसीआईएल और सीटीयूआईएल के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में एसपीवी को मेसर्स पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पीजीसीआईएल), मेसर्स इंडिग्रिड 2 लिमिटेड और इंडिग्रिड 1 लिमिटेड (कंसोर्टियम) और मेसर्स अप्रावा एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड को सौंप दिए गए।
इस अवसर पर, आरईसीपीडीसीएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राजेश कुमार ने कहा, “कैबिनेट मंत्री (विद्युत, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा) आर.के. सिंह और पंकज अग्रवाल, सचिव (विद्युत)के दूरदर्शी दिशा-निर्देशों के अनुरूप, आरईसीपीडीसीएल देश की बिजली मांग को पूरा करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा सुधारों की वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। आरई बिजली की निकासी के लिए ट्रांसमिशन सिस्टम के विकास के लिए टैरिफ-आधारित प्रतिस्पर्धी बोली एक बेहद महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। आरईसीपीडीसीएल को टीबीसीबी मार्ग के माध्यम से परियोजनाओं के वितरण के लिए बोली प्रक्रिया समन्वयक होना, हमारे लिए गौरवशाली पल है।
इस अवसर पर, आरईसीपीडीसीएल ने सफल बोलीदाताओं, मेसर्स अवाडा एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स जुनिपर ग्रीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड नवीकरणीय ऊर्जा और भंडारण बिजली के साथ बंडलिंग के माध्यम से थर्मल/हाइड्रो पावर स्टेशनों के उत्पादन और शेड्यूलिंग में लचीलेपन की योजना के तहत डीवीसी की 100 मेगावाट पवन ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिए लेटर ऑफ अवार्ड (एलओए) भी सौंपे, जिसे विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी किया गया।
बता दें कि आरईसी विद्युत मंत्रालय के तहत एक ‘महारत्न’ केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है। यह आरबीआई के अधीन गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) और अवसंरचना वित्तपोषण कंपनी (आईएफसी) के रूप में पंजीकृत है। आरईसी उत्पादन, पारेषण (ट्रांसमिशन), वितरण, नवीकरणीय ऊर्जा और नई प्रौद्योगिकियों सहित संपूर्ण विद्युत-बुनियादी ढांचा क्षेत्र का वित्तपोषण कर रहा है। नई प्रौद्योगिकियों में इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी भंडारण, पंप भंडारण परियोजनाएं, हरित हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया परियोजनाएं शामिल हैं। हाल ही में आरईसी ने गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र में भी अपने कदम रखे हैं। इनमें सड़क और एक्सप्रेसवे, मेट्रो रेल, हवाईअड्डा, आईटी संचार, सामाजिक और व्यावसायिक अवसंरचना (शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल), पत्तन और इस्पात व तेल शोधन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में इलेक्ट्रो-मैकेनिक (ईएंडएम) कार्य शामिल हैं।
आरईसी लिमिटेड देश में बुनियादी ढांचा परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए राज्य, केंद्र और निजी कंपनियों को विभिन्न परिपक्वता अवधि के ऋण प्रदान करती है। यह विद्युत क्षेत्र के लिए सरकार की प्रमुख योजनाओं में महत्वपूर्ण रणनीतिक भूमिका निभा रही है। इसके अलावा यह प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य), दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई), राष्ट्रीय विद्युत निधि (एनईएफ) योजना के लिए एक नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करती है। इसके परिणामस्वरूप देश में सुदूर क्षेत्र तक विद्युत वितरण प्रणाली को मजबूत किया गया, 100 फीसदी गांवों का विद्युतीकरण व घरेलू विद्युतीकरण किया गया। इसके अलावा आरईसी को पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) को लेकर कुछ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए नोडल एजेंसी भी बनाया गया है। साथ ही, आरईसी को प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना की भी जिम्मेदारी दी गई है। 31 दिसंबर, 2023 तक आरईसी की ऋण पुस्तिका (लोन बुक) 4.97 लाख करोड़ रुपये का होने के साथ नेटवर्थ 64,787 करोड़ रुपये है।
आरईसीपीडीसीएल क्या है?
आरईसी पावर डेवलपमेंट एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड, आरईसीपीडीसीएल, आरईसी लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, 50 से अधिक राज्य बिजली वितरण कंपनियों/राज्यों के बिजली विभागों को ज्ञान आधारित परामर्श और विशेषज्ञ परियोजना कार्यान्वयन सेवाएं प्रदान कर रही है। आरईसीपीडीसीएल ट्रांसमिशन लाइन परियोजनाओं और आरई-बंडलिंग परियोजनाओं में टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली (टीबीसीबी) के लिए बोली प्रक्रिया समन्वयक (बीपीसी) के रूप में कार्य कर रहा है। पीएमडीपी परियोजनाओं के तहत आरईसीपीडीसीएल केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में वितरण और ट्रांसमिशन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा उन्नयन परियोजनाओं को क्रियान्वित कर रहा है। इस प्रकार आरईसीपीडीसीएल अपने विशेषज्ञ परामर्श, परियोजना कार्यान्वयन और लेनदेन सलाहकार सेवाओं के साथ देश के बिजली क्षेत्र के मूल्य श्रृंखला में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।