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केयर रेटिंग्स के पूर्व सीईओ मोकाशी पर SEBI ने लगाया 2 साल का बैन

जांच के जरिए डीएचएफएल समेत कुछ इश्‍यूअर के पक्ष में बेहतर रेटिंग सुनिश्चित करने के लिए मोकाशी ने केयर के कर्मचारियों को प्रभाव डाला.

SEBI

प्रतीकात्मक तस्वीर

SEBI BANS RAJESH MOKASHI : केयर रेटिंग्स के पूर्व प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO ) राजेश मोकाशी को मार्केट रेगुलेटर सेबी ने 2 साल के लिए बैन कर दिया है. SEBI ने उनके किसी भी रजिस्‍टर्ड इंटरमीडियरी एजेंसी से जुड़ने पर रोक लगा दी है. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने मोकाशी को केयर रेटिंग्स के हेड के अपने कार्यकाल के दौरान दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) की रेटिंग प्रक्रिया को मैनीपुलेट करने का दोषी पाया गया है. सेबी को ये  मामला दिसंबर, 2018 में मिली शिकायतों से पता चला था. इन शिकायतों में  DHFL की रेटिंग प्रक्रिया में दखलंदाजी के आरोप लगाए गए थे. डीएचएफएल को अब पीरामल कैपिटल एवं हाउसिंग फाइनेंस के नाम से जाना जाता है.

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बेहतर रेटिंग देने का दबाव

सेबी ने अपनी जांच में पाया कि केयर और DHFL के बीच आपसी साठगांठ है और इसकी जांच की गई. जांच के जरिए डीएचएफएल समेत कुछ इश्‍यूअर के पक्ष में बेहतर रेटिंग सुनिश्चित करने के लिए मोकाशी ने केयर के कर्मचारियों को प्रभाव डाला. सेबी ने अपने नोट  में पाया कि रेटिंग कमिटी के सदस्यों ने सितंबर 2018-फरवरी 2019 के दौरान डीएचएफएल रेटिंग के टाइम पर बार-बार एक-दूसरे को व्हाट्सएप मैसेज गए, इन मैसेजेज में  नोटिसी 2 (मोकाशी) द्वारा बार-बार इंटरफेयर करने के लिए बार-बार खेद व्यक्त किया है.

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जांच में क्या पता चला-

सेबी का कहना है कि उन्होने जांच में पाया कि मोकाशी ने पने पद का दुरूपयोग किया है. अपने पद पर रहते हुए उनके पास केयर की रेटिंग समिति के फैसलों पर वीटो करने का अधिकार था, जिसके चलते डीएचएफएल के लिए बढ़ी हुई रेटिंग दी गई. केयर की फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट (एफएआर) से पता लता है कि कंपनी को डीएचएफएल से सबसे ज्यादा फीस 7.1 करोड़ रुपये मिली थी.



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