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RBI की MPC की बैठक के फैसलों का कल होगा ऐलान, ब्याज दरों को लेकर लिया जा सकता है बड़ा निर्णय

RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास इस बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं. इस मीटिंग में ब्याज दरों से लेकर बैंकिग सेक्टर से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा की जा रही है.

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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की मीटिंग कल 6 दिसंबर से शुरु हो चुकी है, जो कि 8 दिसंबर तक चलेगी. कल 8 दिसंबर को इस बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में जानकारी दी जाएगी. बता दें कि RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास इस बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं. इस मीटिंग में बैंकिग सेक्टर से जुड़े ब्याज दरों से लेकर कई अहम मुद्दों पर चर्चा की जा रही है. उम्मीद जताई जा रही है कि इस बैठक में लिए गए फैसलों से महंगाई से राहत मिल सकती है.

पिछली बार ब्याद दरों में नहीं हुआ बदलाव

बता दें कि हर दो महीनों में MPC की बैठक होती है. इससे पहले अक्टूबर में यह बैठक हुई थी. उस दौरान ब्याज दरों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया था. आखिरी बार फरवरी 2023 में MPC की बैठक में रेपो रेट में बदलाव किया गया था और इसे बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया गया था. तब से MPC की होने वाली लगातार चार बैठकों में ब्याज दरों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया. हालांकि, विशेषज्ञों द्वारा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार भी इसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा.

क्या EMI में मिलेगी राहत ?

चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में GDP (सकल घरेलू उत्पाद) की वृद्धि दर के उम्मीद से ज्यादा होने और मुद्रास्फीति में नरमी ब्याज दरों में बदलाव न होने के प्रमुख कारणों में से एक हैं. रेपो रेट में बदलाव का असर होम लोन और कार लोन की EMI पर भी पड़ता है. ऐसे में अगर ब्याज दरों में MPC की बैठक में कोई बदलाव नहीं किया जाता है तो ईएमआई में राहत मिलने के आसार कम ही हैं.

एक संभावना यह भी

हालांकि, एक उम्मीद यह भी जताई जा रही है कि देश की अर्थव्यवस्था की गति को बढ़ाने के लिए आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास द्वारा रेपो रेट में कमी की जा सकती है. लेकिन अर्थशास्त्रियों की मानें तो ऐसा होने की संभावना कम ही है.

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कल का दिन है खास

छह सदस्यीय आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी कल  8 दिसंबर को सुबह 10 बजे अपने फैसलों की जानकारी देगी. दिसंबर में हो रही कमेटी की इस बैठक में मौद्रिक नीति समीक्षा के तहत नीतिगत दरों में बदलाव करने की संभावना भी कम ही नजर आती है. वहीं रेपो दरों में यदि कोई बदलाव नहीं किया जाता है तो होम लोन लेने वालों को इससे लाभ होगा.

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