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केरल सरकार के ओटीटी प्लेटफॉर्म CSpace पर दर्शकों के देखने के लिए क्या-क्या होगा

CSpace देश का पहला OTT Platform है, जिसे किसी सरकार द्वारा संचालित किया जाएगा. इस पर पेश कंटेंट का मूल्यांकन करने के लिए 60 प्रतिष्ठित विशेषज्ञों का एक क्यूरेटर पैनल बनाया गया है.

बीते दिनों केरल सरकार ने दर्शकों के मनोरंजन के लिए एक ओटीटी प्लेटफॉर्म ‘सीस्पेस’ (CSpace) लॉन्च किया. यह देश का पहला ओटीटी प्लेटफॉर्म (OTT Platform) है, जिसे सरकार द्वारा संचालित किया जाएगा.

इस ओटीटी को केरल राज्य फिल्म विकास निगम (KSFDC) द्वारा मैनेज किया जाएगा. CSpace पर पेश कंटेंट का मूल्यांकन करने के लिए केएसएफडीसी द्वारा 60 प्रतिष्ठित विशेषज्ञों का एक क्यूरेटर पैनल बनाया गया है. इसके अलावा तीन सदस्यों का एक पैनल कंटेंट के हर पहलू का मूल्यांकन कर यह तय करेगा कि क्या यह ओटीटी के माध्यम से कलात्मक रूप से प्रदर्शित होने के योग्य है या नहीं.

मलयाली फिल्में

CSpace मलयालम भाषा में बनी ‘लीक से हटकर’ फिल्मों को स्ट्रीम करेगा, जो वैश्विक दर्शकों तक पहुंचने के लायक हैं. इसे ऐसे समय में लॉन्च किया गया है, जब मलयालम सिनेमा Netflix और Amazon Prime जैसे दिग्गज ओटीटी प्लेटफॉर्म की बदौलत भारत और दुनिया के विभिन्न हिस्सों और कोनों में दस्तक दे रहा है.

इसके माध्यम से कॉलेजों सहित राज्य भर के फिल्म क्लबों को प्रोत्साहित करने की भी योजना है. फिल्म छात्रों और फिल्मों को गंभीरता से लेने वाले लोगों के लिए कंटेंट के अलावा यहां पर केरल की संस्कृति और कला से संबंधित कंटेंट भी होंगे.

दर्शकों के लिए क्या-क्या होगा

इस पर ऐसी पुरस्कार विजेता फिल्में, शॉर्ट फिल्में, डॉक्यूमेंट्री और ऐसे अन्य कंटेंट उपलब्ध होंगे, जिन्हें व्यापक रूप से सिनेमाघरों में रिलीज होने का मौका नहीं मिला है, लेकिन उनमें महान कलात्मक और सांस्कृतिक योग्यता है. इसके अलावा प्रमुख अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में प्रदर्शित होने वाली फिल्मों को इस प्लेटफॉर्म पर जगह दी जाएगी.

पहले चरण में 35 फीचर फिल्मों, 6 डॉक्यूमेंट्री और एक शॉर्ट फिल्म सहित 42 फिल्में CSpace पर देखने के लिए लोगों को उपलब्ध होंगी. यह प्लेटफॉर्म Andriod और iOS दोनों पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध है.

पुरस्कार विजेता फिल्में ‘निशिद्धो’ और ‘B32 to 44’ का प्रीमियर भी CSpace पर किया जाएगा.

एक फिल्म के लिए कितना पैसा देना होगा

इस ओटीटी प्लेटफॉर्म को पे-पर-व्यू के आधार पर चलाया जाएगा. यूजर को एक फिल्म देखने के लिए केवल 75 रुपये और शॉर्ट फिल्में देखने के लिए इससे भी कम पैसा देना पड़ेगा. किसी कंटेंट के लिए जनता द्वारा भुगतान की जाने वाली आधी राशि उसके निर्माता को जाएगी. ऐसी जानकारी है कि इसके माध्यम से फिल्म निर्माता और निर्देशकों को उनकी फिल्मों की लागत वसूलने का अवसर देने के लिए क्राउडफंडिंग भी ​की जाएगी.

-भारत एक्सप्रेस

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