Amitabh Jaya Bachchan Wedding
Amitabh Bachchan Wedding: अमिताभ बच्चन और जया बच्चन बॉलीवुड की जोड़ी हमेशा से ही चर्चा में रही हैं. दोनों की शादी 1973 में हुई थी. शादी को 51 साल हो गए हैं और आज भी दोस्त की तरह साथ रहते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि जब अमिताभ और जया की शादी हुई थी तो पंडितों ने इसका विरोध किया था? आइए जानते हैं इस किस्से के बारें में-
रिपोर्ट्स की मानें तो दोनों ने शादी का फैसला बहुत जल्दबाजी में लिया था. जया के पिता ने अमिताभ से उनकी शादी के बारे इलस्ट्रेटेड वीकली ऑफ में एक लेख लिखा है. जिसमें उन्होंने बताया है कि कैसे पंडित शादी के वक्त विरोध करने लगे थे.
पंडित ने क्यों किया था विरोध
जया के पिता ने लेख में लिखा था कि, हम बंगाली हैं इसलिए जया की मां चाहती थी कि शादी में पंडित बंगाली ही हो, लेकिन पंडित मिल ही नहीं पाया. लेकिन जब बहुत मुश्किल से हमें एक बंगाली पंडित मिला तो वह अमिताभ और जया की शादी में हंगामा करने लगा. वह नहीं चाहता था कि कोई बंगाली लड़की किसी दूसरी कास्ट में शादी करे. लेकिन जैसे-तैसे मामला सुलझा और फिर दोनों की शादी हो गई.’
अमिताभ बच्चन और जया बच्चन की शादी बहुत ही प्राइवेट रखी गई थी. इसमें उनके परिवार वाले और करीबी दोस्त ही शामिल हो पाए थे. शादी के अगले दिन कपल लंदन चले गए थे. उनके घर लौटने के बाद परिवार ने रिसेप्शन पार्टी रखी थी. बता दें कि, अमिताभ और जया की शादी मुंबई में ही हुई थी.
शादी के बाद भी अमिताभ का रेखा से था अफेयर
अमिताभ बच्चन और जया बच्चन के रिश्ते में शादी के बाद कई सारी अड़चने आई लेकिन बावजूद इसके जया ने उनका कभी साथ नहीं छोड़ा. बता दें कि, शादीशुदा होने के बावजूद अमिताभ का रेखा से अफेयर चला था. एक्टर ने कभी इस रिश्ते को स्वीकार नहीं किया. एक बार जया ने रेखा को अपने घर बुलाया और उनसे अमिताभ बच्चन को कभी ना छोड़ने की बात कही. इसके बाद रेखा और अमिताभ हमेशा के लिए अलग हो गए.
जया के पिता को शादी से थी आपत्ति?
जया के पिता ने इस बात का जिक्र भी किया कि वो इस शादी से नाराज नहीं थे, क्योंकि उनके पास ऐसा करने के लिए कोई कारण ही नहीं था. उन्होंने लिखा, “मैं एक कारण जानना चाहूंगा कि क्यों मेरी पत्नी या मैं दोनों की शादी का विरोध करते. अमिताभ एक प्यारा लड़का था और है. उन्होंने फिल्मों की दुनिया में आने के लिए कड़ा संघर्ष किया.” तमाम तारीफें करने के बाद उन्होंने लिखा, “यह उनका जीवन है. हम कौन होते हैं काम में रुकावट डालने वाले? अगर वे खुश हैं, तो हमें भी खुश रहना चाहिए.”
-भारत एक्सप्रेस
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