विद्या बालन का फिल्म इंडस्ट्री में अलग ही रौला है. लेकिन, इस ऊंचाई तक पहुंचने की पहली सीढ़ी जिसने मुहैया कराई, उनका नाम है प्रदीप सरकार. प्रदीप सरकार अब इस दुनिया में नहीं रहे. शुक्रवार की सुबह 3 बजकर 30 मिनट पर 67 साल की उम्र में उन्होंने आखिरी सांस ली. सरकार की हैसियत सिनेमा जगत में काफी अहम थी. डायरेक्शन के अलावा एडिटिंग और राइटिंग में भी उनका जबरदस्त योगदान रहा है.
टैलेंट को पहचानने की बारीक नज़र
टैलेंट को पहचानने की उनके पास बारीक नज़र थी. विद्या बालन को उनके तमाम टैलेंट हंट में विशेष स्थान है. यह प्रदीप सरकार के लिए भी गर्व की बात है कि एक एक्ट्रेस की कामयाबी में उनकी भूमिका को भी जोड़ा जाए. दरअसल, परिणीता फिल्म से पहले विद्या बालन कई सारे फिल्मों में रेजेक्शन झेल चुकी थीं. इस फिल्म के ऑडिशन में भी उन्हें रिजेक्ट किया गया था. लेकिन, एक छोटे से बदलाव ने विद्या की जिदंगी बदल दी. उन्हें उनकी पहली हिंदी फिल्म मिल गई.
परिणीता मूवी में छोटे से बदलाव का सुझाव देने वाले शख्स प्रदीप सरकार थे. वह फिल्म के निर्देशक थे लिहाजा उन्होंने अपने प्रोड्यूसर विधु विनोद चोपड़ा को इसके लिए मना लिया. जिसके बाद कई बार ऑडिशन में रिजेक्ट हो चुकीं विद्या को परिणीता मिल गई.
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विद्या बालन की दमदार एक्टिंग
आज विद्या बालन अपनी दमदार एक्टिंग और टैलेंट दम पर ‘भूल भुलैया’, ‘इश्किया’, शेरनी और डर्टी पिक्चर में प्रभावी रोल अदा कर चुकी हैं. इन फिल्मों का नतीजा रहा कि उनकी अदाकारी से लेकर डायलॉग डिलवरी के लोग दीवाने हो गए.हालांकि, परिणीता मूवी की मेकिंग के दौरान प्रदीप सरकार और विद्या में मनमुटाव की भी खबरें आईं. लेकिन, शूटिंग के दौरान ही दोनों ने अपने डिफरेंसेज खत्म कर लिए. फिल्म रिलीज हुई और सुपरहिट साबित रही. एक ओर जहां विद्या के करियर की गाड़ी चल पड़ी. वहीं, प्रदीप सरकार को इसके लिए ‘बेस्ट डेब्यू फिल्म डायरेक्टर’ का नेशनल अवॉर्ड मिला.
-भारत एक्सप्रेस
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