Raj Kapoor Birth Anniversary 2023: बॉलीवुड के सुपरस्टार पृथ्वीराज कपूर के बेटे राज कपूर का जन्म 14 दिसम्बर 1924 को हुआ था. भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में ‘शोमैन’ के नाम से मशहूर राज कपूर के योगदान के लिए उन्हें हेमाश याद किया जाएगा. राज कपूर ने चार दशक तक इंडस्ट्री पर राज किया. उन्होंने अपनी दौर की टॉप एक्ट्रेस के साथ फिल्मों में काम किया, जिनमें से कुछ अभिनेत्रियों के साथ उनकी जोड़ी को खूब पसंद भी किया जाता था. इतना ही नहीं कई एक्ट्रेसेस के साथ राज कपूर का नाम भी जुड़ा.
24 साल की उम्र में आरके स्टूडियो
राज कपूर ने सिर्फ 24 साल की उम्र में आरके स्टूडियो स्थापित कर दिया था. इस बैनर तले उन्होंने फिल्म ‘आग’ बनाई थी और वह ऐसा करने वाले सबसे कम उम्र के निर्देशक थे. महबूब खान की फिल्म ‘अंदाज’ उनकी पहली बड़ी हिट थी, जिसमें उनके साथ दिलीप कुमार और नरगिस थे. वहीं ‘अंदाज’ के बाद राज कपूर डायरेक्टर और प्रोड्यूसर के तौर पर फिल्म ‘बरसात’ लेकर आए थे. फिल्म में उनके साथ नरगिस थीं और यह फिल्म बेहद हिट साबित हुई थी. यही वह समय था जब राज कपूर और नरगिस के बीच नजदीकियां बढ़ गई थीं.
बंटवारे के बाद राज कपूर का परिवार भारत में आकर बस गया. राज कपूर का नाम बेहतरीन अभिनेता के साथ-साथ शानदार फिल्म निर्देशकों और निर्माताओं में भी गिना जाता था और आज भी गिना जाता है. उन्होंने अपने चार दशक के करियर में करीब 74 फिल्मों में अभिनय किया और इन्हीं में से कई फिल्मों का निर्माण और निर्देशन भी किया. हालांकि, उनकी एक आदत से पूरी इंडस्ट्री वाकिफ थी, जो था उनका सफेद साड़ियों के साथ आकर्षण.
एक्ट्रेसेस को क्यों पहनाते थे सफेद साड़ी
जी हां… बॉलीवुड के ‘शोमैन’ कहने जाने वाले राज कपूर अपनी सभी फिल्मों अपनी एक्ट्रेसेस को सफेद साड़ी पहनाया करते थे, लेकिन उनकी इस आदत के पीछे की वजह के बारे में ज्यादातर लोग जानते नहीं है. राज कपूर ने अपनी फिल्मों में सादगी का रंग माने जाने वाले सफेद रंग को उस दौर में प्यार के रंग में रंग दिया था. उस दौर में राज कपूर अपनी फिल्मों की सभी हीरोइनों नरगिस, वैजयंती माला, साधना, तनुजा और सायरा बानो को सफेद साड़ी ही पहनाया करते थे, जो उनकी फिल्मों की एक पहचान बन चुकी थी, लेकिन ऐसा क्यों? उनका सफेद रंग या उस रंग की साड़ी से क्या कनेक्शन था?
पिता के स्टूडियो में लगाते थे झाडू
राज कपूर जब एक्टिंग की दुनिया की दुनिया में आने वाले थे इसके पहले वो अपने पिता पृथ्वीराज कपूर के स्टूडियो में झाडू लगाने का काम करते थे और वो उस दौर में वेतन के तौर पर महज 1 रुपये पाते थे और कहा जाता है कि उनकी किस्मत ने तब करवट बदली जब एक बार बलराज काहनी की नजर उनपर पड़ी और अपने ही बेटे को ना पहचान पाने वाले पृथ्वीराज कपूर के दोस्त बलराज ने उनके बेटे को पहचान लिया और उन्हें बतौर हीरो साइन कर लिया.
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