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Mission Raniganj: रवि किशन ने शूटिंग का एक्सपीरियंस किया शेयर, बोले- क्लॉस्ट्रोफोबिया की पीड़ा से गुजरा हूं…

Mission Raniganj: बॉलीवुड के हीरो अक्षय कुमार (Akshay Kumar) अपनी अवेटेड फिल्म मिशन रानीगंज: द ग्रेट भारत रेस्क्यू (Mission Raniganj) 6 अक्टूबर को सिनेमाघरों में रिलीज होगी.  टीनू सुरेश देसाई द्वारा निर्देशित, यह फिल्म जसवन्त सिंह गिल और उनके जीवन से भी बड़ी कहानी पर आधारित है.

Mission Raniganj: बॉलीवुड के हीरो अक्षय कुमार (Akshay Kumar) अपनी अवेटेड फिल्म मिशन रानीगंज: द ग्रेट भारत रेस्क्यू (Mission Raniganj) 6 अक्टूबर को सिनेमाघरों में रिलीज होगी.  टीनू सुरेश देसाई द्वारा निर्देशित, यह फिल्म जसवन्त सिंह गिल और उनके जीवन से भी बड़ी कहानी पर आधारित है. हाल ही इसका जोरदार ट्रेलर रिलीज हुआ था. फिल्म में अक्षय के साथ परिणीति चोपड़ा (Parineeti Chopra) नजर आने वाली हैं.

इस ट्रेलर की शुरुआत एक भयानक दुर्घटना से होती है जब भूमिगत काम कर रहे खनिकों के एक बड़े ग्रुप पर एक खदान गिर जाती है. वे चिल्ला रहे हैं, अपनी जान बचाने की गुहार लगा रहे हैं और दूसरी तरफ जमीन के ऊपर अक्षय कुमार बचाव अभियान शुरू करने के लिए तैयार हैं. फिल्म में वह एक सिख इंजीनियर की भूमिका निभा रहे हैं, जो लोगों की जान बचाने के लिए कुछ भी करेगा.

शूटिंग के समय रवि किशन ने शेयर किया अपना अनुभव

फिल्म मिशन रानीगंज में खनिक भोला का किरदार निभा रहे अभिनेता रवि किशन ने एएनआई से बात करते हुए उन्होंने अपना अनुभव साझा किया है कहा कि, “शूटिंग के दौरान, मैंने अनुभव किया और महसूस किया कि कैसे एक खनिक मौत को करीब से देखता है.क्लॉस्ट्रोफोबिया… सांस घुटने की पीड़ा से मैं गुजरा हूं…यह कहानी उन खनिकों के बारे में है, जो 1989 में फंस गए थे और उनके आसपास के लोगों ने सोचा था कि वे जीवित नहीं बचेंगे. मैं एक खनिक भोला का किरदार निभा रहा हूं. मैं मैंने अपने करियर में कभी ऐसी भूमिका नहीं निभाई.”

कौन है सरदार Jaswant Singh Gill?

साल 1937 में अमृतसर के सथियाला में जन्में जसवंत सिंह ने महज 48 घंटों के अंदर ही 65 कोयला खनिकों की जान बचाई थी. दरअसल, फिल्म में जिस रानीगंज के कोयला खदान की कहानी दिखाई जा रही है उसमें पानी भर गया था, जिसमें 65 लोगों की जान खतरे में थी.

इसी बीच जसवंत सिंह ने समझदारी और सूझबूझ दिखाते हुए अपने कुछ साथियों की मदद से उन सभी को बचाया था. इतना ही नहीं उनकी इस बहादूरी के लिए उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया था और साल 2019 में उनकी मृत्यु बो गई थी.



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