
बॉर्डर सिक्योरटी फोर्स और कश्मीरी पुलिस के उच्चाधिकारी
जम्मू-कश्मीर: भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ती सुरक्षा चुनौतियों के बीच एक अहम खुलासा हुआ है. सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने अब तक पाकिस्तान की ओर से भारत में आने वाली लगभग 22 सुरंगों का पता लगाया है, जिनका इस्तेमाल आतंकवादियों और तस्करों द्वारा घुसपैठ के लिए किया जा रहा था. यह खुलासा भारत की सुरक्षा एजेंसियों के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया है.
बीएसएफ के मुताबिक, सिर्फ जम्मू फ्रंट पर पिछले तीन वर्षों में पांच सुरंगें खोजी गई हैं. इनमें से दो सुरंगें 2020 और 2021 में तथा एक सुरंग 2022 में मिली थी. इन सुरंगों की लंबाई कई सौ मीटर तक होती है और गहराई करीब 30 मीटर तक जा सकती है. इनमें से कुछ सुरंगें इतनी तकनीकी रूप से उन्नत थीं कि इनमें ऑक्सीजन पाइप की सुविधा भी मौजूद थी.
सुरक्षा एजेंसियों की सख्त कार्रवाई
बीएसएफ ने सुरंगों के खिलाफ कार्रवाई को और तेज़ कर दिया है. हाल ही में कई बड़े कदम उठाए गए हैं:
- ड्रोन-माउंटेड ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार (GPR) का पहली बार उपयोग किया गया है, जो ज़मीन के नीचे छिपी सुरंगों का पता लगाने में सक्षम है.
- स्मार्ट फेंसिंग और सेंसर सिस्टम को सीमावर्ती इलाकों में लगाया गया है, जिससे किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई की जा सके.
- 2 नई बटालियनों की तैनाती जम्मू में की गई है, जिनमें करीब 2000 से अधिक जवान शामिल हैं, जो घुसपैठ को रोकने के लिए दूसरी पंक्ति की सुरक्षा देते हैं.
- देशी तकनीक से विकसित की जा रही नई सुरंग-खोज प्रणाली से 15 मीटर तक गहराई में छिपी सुरंगों का भी पता लगाना संभव होगा.
बढ़ती आतंकवादी गतिविधियों के बीच बड़ा कदम
यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब 2025 के पहलगाम आतंकी हमले के बाद देश भर में सुरक्षा को लेकर गंभीरता बढ़ी है. भारत सरकार ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए कूटनीतिक और सामरिक मोर्चों पर कई कड़े फैसले लिए हैं, जिनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना भी शामिल है.
बीएसएफ और सुरक्षा एजेंसियों का यह प्रयास साफ संकेत है कि अब भारत सीमा पार से होने वाली किसी भी नापाक हरकत को बर्दाश्त नहीं करेगा. तकनीकी नवाचार और कड़ी निगरानी के जरिए भारत अब अपनी सीमाओं को पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित कर रहा है.
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