न्यूजक्लिक
NewsClick: न्यूज वेबसाइट न्यूजक्लिक (NewsClick) के खिलाफ 255 प्रमुख हस्तियों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखा है. इस पत्र के माध्यम से इन हस्तियों ने न्यूजक्लिक के खिलाफ एक्शन लेने की मांग की है. 14 पूर्व जजों, 112 पूर्व नौकरशाहों और सेना के 129 पूर्व अफसरों की तरफ से ये पत्र लिखा गया है.
राष्ट्रपति और सीजेआई को लिखे पत्र में कहा गया है कि पब्लिक डोमेन में मौजूद ईमेल एक्सचेंज बिना किसी संदेह के स्थापित करते हैं कि ये लोग नेता नहीं बल्कि डीलर हैं.
न्यूयॉर्क टाइम्स ने चीन से जुड़ी कंपनियों की फंडिंग को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें अमेरिका के करोड़पति नेविल रॉय सिंघम का नाम भी सामने आया था. इसमें बताया गया था कि भारत में मौजूद न्यूज़ वेबसाइट न्यूज़क्लिक को भी फंडिंग मिली थी. इसी का हवाला देते हुए इन हस्तियों ने पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने कहा कि फर्जी खबरें फैलाने के लिए कुख्यात न्यूज पोर्टल न्यूज़क्लिक चीन के साथ संदिग्ध संबंधों का दोषी पाया गया है.
पत्र में आगे कहा गया है कि हमारी नाराजगी की पहली वजह है कि हम इन तरह-तरह की शत्रुतापूर्ण ताकतों को ‘फ्री प्रेस’ की आड़ में जरूरत से ज्यादा बढ़ावा दे रहे हैं. दरअसल, 2021 में प्रवर्तन निदेशालय ने (2018 से 2021 के बीच) 76.9 करोड़ की फॉरेन फंडिंग से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में न्यूज़क्लिक के संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ प्रबीर पुरकायस्थ के ठिकानों पर छापा मारा था. न्यूज़क्लिक परिसर पर छापे में सीसीपी से जुड़े नियमित ईमेल आदान-प्रदान का खुलासा हुआ था.
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दूसरी परेशान करने वाली बात यह है कि हम भारतीय टैक्सपेयर्स चीन में मैन्युफैक्चर्ड फर्जी न्यूज से गुमराह किए जा रहे हैं. भारत में एक वेबसाइट चीन के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है, यह बात हमें परेशान करती है. इस पत्र के जरिए इन हस्तियों ने न्यूजक्लिक के खिलाफ एक्शन लेने की मांग की है. यह मुद्दा लोकसभा में भी उठ चुका है और बीजेपी ने साथ आरोप लगाया है कि न्यूज वेबसाइट न्यूजक्लिक, कांग्रेस और चीन के बीच आपस में सांठगांठ है.
-भारत एक्सप्रेस
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