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New Parliament Building Inauguration: संसद भवन के उद्घाटन पर PM मोदी के साथ आए ये 4 विपक्षी दल, बोले-शुभ काम का बॉयकाट सही नहीं

New Parliament Building Inauguration: नई संसद भवन के उद्घाटन समारोह को लेकर चल रहा सियासी ड्रामा जारी है. ऐसे में कुछ गैर NDA दल उद्घाटन समारोह शामिल होने जा रहे हैं. आइए जानते हैं कौन से दल होंगे शामिल.

New Parliament Building Inauguration

नए संसद भवन के उद्घाटन में शामिल होंगे कई विपक्षी दल (फाइल फोटो)

New Parliament Building Inauguration: नए संसद भवन के उद्धाटन से पहले सियासी संग्राम छिड़ा हुआ है. करीब 19 विपक्षी दलों ने ये ऐलान किया गया कि वह इस कार्यक्रम का बहिष्कार करेंगे, क्योंकि वो चाहते हैं कि संसद की नई बिल्डिंग का उद्घाटन पीएम मोदी की जगह राष्ट्रपति करें. वहीं, इस बीच खबर है कि 4 विपक्षी दलों ने पीएम मोदी का समर्थन किया है.

जानकारी के मुताबिक, मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी और अकाली दल इस कार्यक्रम का हिस्सा होगी. इसके अलावा ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल भी इस उद्घाटन समारोह का हिस्सा होने जा रही है. वहीं जगन मोहन रेड्डी की पार्टी YSRCP भी कार्यक्रम में शामिल होगी.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 28 मई को संसद के नए भवन के उद्घाटन के लिए सभी राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया गया है और वे “अपने विवेक के अनुसार फैसला करेंगे”. उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब 19 विपक्षी दल इस कार्यक्रम के बहिष्कार की घोषणा कर चुके हैं.

एक प्रेस कांफ्रेंस में अमित शाह ने कहा कि ब्रिटिश हुकूमत द्वारा भारत को सत्ता हस्तांतरित करने के प्रतीक स्वरूप प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को दिए गए ऐतिहासिक ‘सेंगोल’ को नए संसद भवन में स्थापित किया जाएगा। ‘सेंगोल’ अभी इलाहाबाद के एक संग्रहालय में है. उन्होंने कहा कि कार्यक्रम को राजनीति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. प्रधानमंत्री द्वारा 28 मई को निर्धारित उद्घाटन कार्यक्रम को लेकर विपक्षी दलों के बहिष्कार के फैसले के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा, ‘‘भारत सरकार ने सभी को उद्घाटन के अवसर पर उपस्थित होने के लिए आमंत्रित किया है। सभी अपने विवेक के अनुसार कार्य करेंगे.’’

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वहीं, इस मौके पर शाह के साथ सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर और संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी भी मौजूद थे. कुछ विपक्षी दलों ने समारोह के बहिष्कार की घोषणा की क्योंकि उनका कहना था कि यह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा किया जाना चाहिए था. उन्होंने कहा, ‘‘सेंगोल को राजनीति से नहीं जोड़ा जा सकता.’’ ‘सेंगोल’ यह संदेश देता है कि सरकार को न्याय और निष्पक्षता से चलना चाहिए और वह नियम आधारित होना चाहिए. जब यह नए संसद भवन में स्थापित होगा तो यह संदेश लोगों और जनप्रतिनिधियों तक जाएगा.

-भारत एक्सप्रेस



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