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एक फाइल ने खोल दी शराब घोटाले की पोल…आखिर कैसे सिसोदिया के बाद संजय सिंह पर ED ने कसा शिकंजा?

मामले में सबसे बड़ी गिरफ्तारी मार्च में हुई जब ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में सिसोदिया को गिरफ्तार किया. जमानत पाने की उनकी बार-बार की कोशिशें विफल रही हैं.

Delhi Excise Policy Scam

Delhi Excise Policy Scam

Delhi Excise Policy Scam: ED ने रद्द हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति मामले में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को बुधवार शाम को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी से पहले संजय सिंह के आवास पर छापेमारी की गई. इसी शराब नीति घोटाले के आरोपों की लिस्ट में संजय सिंह की पार्टी के सहयोगी और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया भी शामिल हैं. वह फिलहाल इसी केस के चलते जेल में भी बंद हैं. दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और उत्पाद शुल्क मंत्री को घोटाले में उनकी कथित भूमिका के लिए पहली बार 26 फरवरी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था लेकिन क्या आप जानते हैं कि आम आदमी पार्टी के इन बड़ें नेताओं की गिरफ्तारी में एक फाइल का बड़ा रोल है.

दरअसल, करीब डेढ़ साल पहले आठ जुलाई 2022 को दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को एक रिपोर्ट सौंपी थी. इसी रिपोर्ट के जरिए दिल्ली में शराब घोटाले का पता चला था. इसके बाद वीके सक्सेना ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी और धीरे-धीरे मामले में ईडी की भी एंट्री हो गई.

शराब नीति

बता दें कि साल 2021 के नवंबर में अरविंद केजरीवाल सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में एक नई शराब नीति पेश की. नीति के तहत, सरकार ने शराब की खुदरा बिक्री से हाथ खींच लिया और निजी लाइसेंसधारियों को स्टोर चलाने की अनुमति दे दी. सरकार ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य कालाबाजारी पर नकेल कसना, सरकारी राजस्व बढ़ाना और समग्र ग्राहक अनुभव में सुधार करना है. नई नीति के तहत, शराब की दुकानें आधी रात के बाद भी खुली रह सकती थीं और दुकानें असीमित छूट दे सकती थीं. इस नीति में आकर्षक सौदों की पेशकश की गई, बिक्री बढ़ी और दिल्ली सरकार ने राजस्व में 27 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की. विपक्षी भाजपा ने नई शराब नीति का विरोध करते हुए आप पर आवासीय क्षेत्रों में शराब की दुकानें खोलने की अनुमति देने और राजधानी में ‘शराब संस्कृति’ को बढ़ावा देने का आरोप लगाया.

मामला

जुलाई 2022 में, दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने नई शराब नीति में घोर उल्लंघनों का खुलासा किया. उनकी रिपोर्ट में शराब लाइसेंसधारियों को “अनुचित लाभ” देने का आरोप लगाया गया. अधिकारी ने कोविड महामारी के दौरान शराब लाइसेंस शुल्क में 144 करोड़ की छूट दी थी. मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की. इससे आप के नेतृत्व वाली सरकार पर भाजपा का हमला तेज हो गया. सत्ता पक्ष ने आरोपों को खारिज कर दिया. इसके तुरंत बाद दिल्ली सरकार ने नई शराब नीति वापस ले ली. इसके कारण 400 से अधिक नए खुले स्टोरों के शटर गिर गए. नई नीति लागू होने तक शराब की बिक्री फिर से सरकारी नियंत्रण में कर दी गई. एक साल बाद भी वही व्यवस्था जारी है.

जांच – पड़ताल

मामले की जांच अपने हाथ में लेने के तुरंत बाद, सीबीआई ने अगस्त 2022 में दिल्ली के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री और आप के नंबर 2 नेता मनीष सिसोदिया के आवास पर छापा मारा. सिसोदिया ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी को कुछ नहीं मिला और आरोप लगाया कि भाजपा ने आप सरकार को निशाना बनाने के लिए एक मामला बनाया है. मनी ट्रेल की जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय जांच में शामिल हुआ.

जांच एजेंसियों ने “साउथ ग्रुप” की संलिप्तता का भी आरोप लगाया. इस कथित समूह में भारतीय राष्ट्र समिति की विधायक और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता, वाईएसआरसीपी सांसद एम श्रीनिवासुलु रेड्डी और अरबिंदो फार्मा के सरथ रेड्डी शामिल थे. ईडी ने आरोप लगाया कि “साउथ ग्रुप” और आप के बीच एक व्यवस्था थी जिसके तहत साउथ ग्रुप ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी को उसके गोवा चुनाव अभियान के लिए धन मुहैया कराया था. ईडी ने आरोप लगाया कि “साउथ ग्रुप” को दिल्ली में अपने नियंत्रण वाले शराब कारोबार के माध्यम से यह पैसा वसूलना था. आप पर नई नीति के तहत लाइसेंस देते समय इन शराब नेटवर्कों का पक्ष लेने का आरोप लगाया गया था.

इस साल अप्रैल में, सीबीआई द्वारा उनसे नौ घंटे तक पूछताछ करने के बाद, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पूरा मामला “फर्जी” है. जिन अन्य लोगों से पूछताछ की गई है उनमें केजरीवाल के निजी सहायक बिभव कुमार और आप नेता जैस्मीन शाह शामिल हैं. मामले के संबंध में ईडी ने कविता से पूछताछ की है. उन्होंने आरोपों को खारिज कर दिया है. ईडी ने अपनी तीन चार्जशीटों में से किसी में भी संजय सिंह को आरोपी के रूप में नामित नहीं किया था. मामले में सरकारी गवाहों में से एक व्यवसायी दिनेश अरोड़ा ने कहा है कि सिंह ने उन्हें सिसोदिया से मिलवाया था. मामले में अभी तक राज्यसभा सांसद को तलब नहीं किया गया है.

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अब तक हुई गिरफ़्तारियां

पिछले साल सितंबर में, सीबीआई ने एक इवेंट मैनेजमेंट फर्म के पूर्व सीईओ विजय नायर को गिरफ्तार किया था, जिसका AAP से संबंध था. एजेंसी की एफआईआर में आरोप लगाया गया कि नायर “आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में अनियमितताओं” में शामिल थे. आप ने कहा कि नायर सिर्फ एक पार्टी कार्यकर्ता थे जिनका शराब नीति से कोई संबंध नहीं था. इसी महीने शराब रिटेलर समीर महेंद्रू को ईडी ने गिरफ्तार किया था.

मामले में सीबीआई की दूसरी गिरफ्तारी रॉबिन डिस्टिलरीज के निदेशक अभिषेक बोइनपल्ली की थी. वह कथित तौर पर किसी कारोबारी के लिए पैरवी कर रहा था. नवंबर 2022 में, अरबिंदो फार्मा के सरथ रेड्डी और शराब की दिग्गज कंपनी पेरनोड रिकार्ड के एक कार्यकारी बेनॉय बाबू को ईडी ने गिरफ्तार किया था. सारथ रेड्डी तब से मामले में सरकारी गवाह बन गए हैं.

फरवरी में, सीबीआई ने कथित तौर पर “साउथ ग्रुप” की ओर से काम करने के लिए कविता के पूर्व चार्टर्ड अकाउंटेंट बुची बाबू को गिरफ्तार किया. वह भी इस मामले में सरकारी गवाह बन गया है. उसी महीने, ईडी ने वाईएसआरसीपी सांसद रेड्डी के बेटे एम राघवन को गिरफ्तार किया. मामले में सबसे बड़ी गिरफ्तारी मार्च में हुई जब ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में सिसोदिया को गिरफ्तार किया. जमानत पाने की उनकी बार-बार की कोशिशें विफल रही हैं. आप के वरिष्ठ नेता ने उपमुख्यमंत्री पद से भी इस्तीफा दे दिया है और अपने पास मौजूद कई विभाग भी छोड़ दिए हैं. अब आप नेता संजय सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया गया है.

-भारत एक्सप्रेस

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