प्रतीकात्मक चित्र
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बुधवार 11 दिसम्बर को गीता जयंती के अवसर पर एक नया कीर्तिमान स्थापित हुआ. भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में आयोजित इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में सस्वर गीता पाठ का आयोजन किया गया. पाठ के दौरान आचार्यों की सामूहिक साधना से वर्ल्ड रिकॉर्ड बन गया जिसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी दर्ज किया गया.
इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी मौजूद रहे. उन्होंने गीता पाठ पर बने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए सभी को बधाई दी सभी आचार्यों को सर्टिफिकेट बांटे. इस रिकॉर्ड को बनाने के लिए 5000 से ज्यादा आचार्यों ने एकसाथ गीता के तीसरे अध्याय ‘कर्मयोग’ का सामूहिक पाठ किया.
भोपाल में रिकॉर्ड संख्या में आचार्यों द्वारा सस्वर गीता पाठ
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मुख्यमंत्री का संदेश
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा,
“आज गीता के श्लोकों के पाठ पर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनने की खुशी में सभी को शुभकामनाएं देता हूं. मैं प्रार्थना करता हूं कि यह यात्रा आगे भी जारी रहे. आज यहां गीता के तीसरे अध्याय ‘कर्मयोग’ के दस श्लोक सामूहिक रूप से पढ़े गए. मैं इस आयोजन के लिए संस्कृति विभाग को बधाई देता हूं.”
उन्होंने आगे कहा,
“श्रीमद्भगवद्गीता ऐसा ग्रंथ है, जिसे लोग सबसे ज्यादा जानना, पढ़ना और समझना चाहते हैं. यह हमारा गौरव है.”
हमारी सरकार जनकल्याण के मार्ग पर चल रही है…
पवित्र ग्रंथ “गीता” के अध्ययन से हर समस्या का समाधान होगा : CM@DrMohanYadav51 @GWR @TrustsReligious @minculturemp #लाड़ली_बहना #GeetaJayanti2024 #GeetaJayanti #CMMadhyaPradesh #MadhyaPradesh #मुख्यमंत्री_जनकल्याण_अभियान… pic.twitter.com/jnrpFLIoob
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बीते मंगलवार को मुख्यमंत्री ने कहा था कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपने जीवन और कार्यों से समाज को प्रेरणा दी है. उनके जीवन और गीता की शिक्षा से लोगों को सनातन संस्कृति से जोड़ने के लिए गीता जयंती पर यह बड़ा आयोजन किया गया है.
कब मनाया जाता है गीता जयंती
धर्मग्रन्थ गीता की उत्पत्ति आज से 5000 साल पहले हुई थी, जब भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र के युद्ध में अर्जुन को कर्म का उपदेश दिया था. बता दें कि गीता जयंती कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की दशमी के अगले दिन, एकादशी को मनाई जाती है. इस दिन मोक्षदा एकादशी का व्रत भी रखा जाता है. इस साल पंचांग के अनुसार गीता जयंती 11 दिसंबर को मनाई गई. यह दिन भारतीय संस्कृति और अध्यात्म का अद्भुत प्रतीक है.
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-भारत एक्सप्रेस
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