आम आदमी पार्टी का दफ्तर.
Aam Aadmi Party: आम आदमी पार्टी (AAP) को सुप्रीम कोर्ट से फिलहाल राहत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने पार्टी दफ्तर खाली करने को लेकर दिए गए आदेश में संशोधन किया है. अब पार्टी को 15 जून तक दफ्तर खाली नहीं करना पड़ेगा. अदालत ने उसे अब 10 अगस्त तक का मौका दे दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में साफ किया है कि वो दफ्तर खाली करने के लिए आम आदमी पार्टी को आखिरी मौका दे रहे है, क्योंकि इस जमीन को नहीं सौंपे जाने से दिल्ली हाईकोर्ट का विस्तार रुका हुआ है. हाइकोर्ट ने आम आदमी पार्टी को दफ्तर बनाने के लिए फिलहाल अस्थायी जमीन देने को कहा था.
अब इस दिन खाली करना होगा दफ्तर
पिछले सप्ताह हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को आप पार्टी के ज्ञापन पर 6 हफ्ते में फैसला लेने को कहा है. हाईकोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार आप दफ्तर के लिए स्थायी भूमि आवंटित होने तक अस्थायी दफ्तर अलॉट करने पर विचार करें. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक आप को अपना मौजूदा पार्टी दफ्तर 15 जून तक खाली करना था. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने इसे बढ़ाकर 10 अगस्त कर दिया है.
हाईकोर्ट ने कहा था कि आम आदमी पार्टी को दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर दफ्तर की जमीन पर दावा करने का कोई अधिकार नहीं है, लेकिन आप को अन्य राजनीतिक दलों की तरह पार्टी ऑफिस के लिए जगह पाने का हक है.
मामले की सुनवाई के दौरान केंद्रीय आवास और शहरी विकास मंत्रालय ने दिल्ली हाइकोर्ट को बताया था कि पहले उसने आम आदमी पार्टी को अपने केंद्रीय दफ्तर के लिए साकेत कोर्ट के पास स्थायी दफ्तर अलॉट करने का ऑफर दिया था, लेकिन आम आदमी पार्टी ने इस ऑफर का कोई जवाब नहीं दिया. मंत्रालय ने कहा था कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर जमीन उपलब्ध नहीं है.
आम आदमी पार्टी का आरोप
वहीं, आम आदमी पार्टी की ओर से पेश वकील राहुल मेहरा ने कहा था कि जब तक कि कार्यालय निर्माण के लिए पार्टी का आवंटन नहीं किया जाता है तब तक राष्ट्रीय पार्टी अस्थायी कार्यालय पाने का हकदार है. आप सरकार के एक मंत्री दीन दयाल उपाध्याय स्थित अपने आवास को पार्टी के पक्ष में देने को तैयार हैं.
उन्होंने कहा कि वर्तमान हालात को देखते हुए उस जगह को आवंटित करने से केंद्र सरकार को कोई परेशानी नहीं होगी. पार्टी ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार उसके साथ अन्य पार्टियों के बराबर व्यवहार नहीं कर रही है. जबकि, केंद्र ने कहा था कि उनके पास आम आदमी पार्टी के ऑफिस के लिए सेंट्रल दिल्ली में कोई जमीन खाली नहीं है.
वहीं, केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा था कि आवंटन सामान्य तरीके से होना है और राजनीतिक दलों के लिए कोई विशेष सूची नहीं है. केंद्र ने कहा था कि आप को वर्ष 2014 में अपने कार्यालयों के लिए जमीन की पेशकश की गई थी, लेकिन इसे स्वीकार नहीं किया गया था. ऐसे में पूल से एक आवास इकाई आवंटित करना संभव नही है. केंद्र सरकार ने कहा था कि जहां तक डीडीयू मार्ग स्थित इकाई का सवाल है उसे सरकार को वापस करना होगा.
-भारत एक्सप्रेस
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