

सेवापुरी मे स्थापित अदाणी कौशल विकास केंद्र (एएसडीसी) ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बना रही है. अदाणी फाउंडेशन वाराणसी विविध आयामों मे ग्रामीण महिलाओं को प्रशिक्षित कर महिला सशक्तीकरण का हेतुक बनी है. महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से अदाणी फाउंडेशन की देखरेख मे वाराणसी के सेवापुरी मे स्थापित अदाणी कौशल विकास केंद्र ग्रामीण महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के प्रयास मे बीते कई वर्षों से प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहा है.
अदाणी फाउंडेशन द्वारा स्थापित अदाणी कौशल विकास केंद्र (एएसडीसी) के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बना रही है. महिलाओं की शक्ति को विकसित कर आत्मनिर्भर बनाना ही महिला सशक्तिकरण की दिशा मे अदाणी फाउंडेशन का समेकित प्रयास है.
नारियों को शक्ति का रूप माना गया है. महिलाएं अब समाज के विकास में सहभागी बनने के लिए आगे आ रही हैं. समाज भी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए और आगे बढ़ाने के लिए सभी तरह का सहयोग कर रहा है. छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराई जा रही है और महिलाओं को सिलाई मशीन देकर ट्रेनिंग दी जा रही है.
गाय के गोबर से अगरबत्ती बनाने का सिखा रहे गुर
आर्थिक आत्मनिर्भरता महिलाओं को सशक्त बनाने का एक प्रभावी तरीका है. आर्थिक और सामाजिक आत्मनिर्भरता एक दूसरे के पूरक हैं. महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में स्वयं सहायता समूह भी प्रभावी योगदान दे रहें हैं. अदाणी फाउंडेशन के तत्वाधान में स्थानीय महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की पहल के तहत वाराणसी के सेवापुरी क्षेत्र में ग्रामीण महिलाओं द्वारा बनाई जा रही प्राकृतिक उत्पादों वाली बांस और रसायन मुक्त गंगातिरी अगरबत्ती आपको इसका अहसास करवा सकती है.
महिलाओं की काशी प्रेरणा सक्षम प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड नाम से अपनी खुद की प्रोड्यूसर फर्म है. इसके दो ब्रांड हैं. एक का नाम गंगातिरी और दूसरे का नाम नारी शक्ति है. जिसमें वे गाय के गोबर से अगरबत्ती बनाते हैं, जिससे पर्यावरण भी बचता है और गौमाता की भी रक्षा होती है.
अगरबत्ती बनाने वाली कंपनी में 300 महिलाएं काम करती हैं. कौशल विकास केंद्र (सक्षम) अदाणी फाउंडेशन की एक प्रमुख पहल है जो सस्टेनेबल लाइवलीहुड के लिए समर्पित है.
14 करोड़ से ज्यादा ग्रामीण परिवारों को किया गया सशक्त
एक आंकड़े के अनुसार, देश भर में करीब 118 लाख से ज्यादा समूह संचालित हो रहे हैं, जिसने करीब 14 करोड़ से ज्यादा ग्रामीण परिवारों को सशक्त किया गया है. इसके अतिरिक्त महिलाओं को स्वयं सहायता समूह के गठन और अन्य सहायता के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत संसाधन भी मुहैया कराये जाते हैं.
इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाना, स्थानीय स्तर पर रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराकर शहरों होने वाले पलायन को रोकना और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना प्रमुख लक्ष्य रहा है.
अदाणी कौशल विकास केंद्र के केंद्रित प्रशिक्षण कार्यक्रम महिलाओं को आवश्यक तकनीकी, संचार और उद्योग-विशिष्ट कौशल से लैस करते हैं, उन्हें डेटा प्रोसेसिंग, बाजार विश्लेषण और ग्राहक सहायता में भूमिकाओं के लिए तैयार करते हैं. यह पहल महिलाओं के लिए डिजिटल अर्थव्यवस्था में आगे बढ़ने के अवसर पैदा करते हुए सतत विकास को बढ़ावा दे रही है.
यह पहल सतत विकास को बढ़ावा देने और महिलाओं को सशक्त बनाने, ग्रामीण वाराणसी और उससे आगे के व्यक्तियों और उनके समुदायों के लिए एक उज्जवल भविष्य सुनिश्चित करने के लिए अदाणी फाउंडेशन की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है.
अच्छाई के साथ विकास की फिलॉसफी
वाराणसी में अदाणी फाउंडेशन ने अपने मिशन के साथ कौशल विकास और उद्यमिता कार्यक्रम को संरेखित किया. समाज के कमजोर वर्गों के बीच, उनकी जाति, पंथ, रंग की परवाह किए बिना उनको सामाजिक और आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के प्रयास से एक सकारात्मक परिवर्तन आया है.
अदाणी समूह की फिलॉसफी है ‘अच्छाई के साथ विकास’, जिससे लोगों के जीवन में वंचित वर्ग के लोगों के लिए फाउंडेशन ने अथक प्रयास किए है.
अदाणी कौशल विकास केंद्र (सक्षम) अदाणी फाउंडेशन की एक महत्वपूर्ण पहल हैं, जो सतत आजीविका के घटक सहयोग के तहत चलता हैं. अदाणी फाउंडेशन और राष्ट्रीय कौशल विकास निगम विशेषाधिकार प्राप्त, हाशिए पर, कमजोर सदस्य समाज को पुनर्जीवित करने और उनकी आजीविका को बदलने के लिए एक मंच प्रदान करता हैं.
यह 19 शहरों के 30 केंद्रों में काम कर रहा है जिसने देश में 55+ व्यावसायिक पाठ्यक्रम शुरू किए हैं जिसने सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों मे 90,000+ से अधिक लोगों को लाभान्वित किया हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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