परिवार के साथ लवली
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी की एक मासूम बच्ची की दर्द भरी कहानी देश के प्रसिद्ध उद्योगपति गौतम अडानी से देखी नहीं गई. बच्ची के मुश्किल हालात में आगे बढ़कर उसकी तकलीफों को उन्होंने हाथों हाथ लिया.
सोशल साइट एक्स पर ट्वीट कर उन्होंने अडानी फाउंडेशन को इसके बेहतर इलाज के लिए हरसंभव मदद का निर्देश दिया है. उन्होंने लिखा, ‘एक बेटी का बचपन यूं छिन जाना दुखद है! छोटी सी उम्र में लवली और उसके दादा-दादी का संघर्ष बताता है कि एक आम भारतीय परिवार कभी हार नहीं मानता. अडानी फाउंडेशन यह सुनिश्चित करेगा की लवली को बेहतर इलाज मिले और वो भी बाकी बच्चों के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ सके. हम सब लवली के साथ हैं.’
एक बेटी का बचपन यूं छिन जाना दुखद है!
छोटी सी उम्र में लवली और उसके दादा-दादी का संघर्ष बताता है कि एक आम भारतीय परिवार कभी हार नहीं मानता।@AdaniFoundation यह सुनिश्चित करेगा की लवली को बेहतर इलाज मिले और वो भी बाकी बच्चों के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ सके।
हम सब लवली के… https://t.co/0Zes20UOSu pic.twitter.com/StVhUrk7SU
— Gautam Adani (@gautam_adani) May 17, 2024
फरिश्ता बन आए गौतम अडानी
लखीमपुर खीरी की लवली की की मां बचपन में ही गुजर गई थीं. मां की मौत के बाद पिता ने दूसरी शादी कर ली. उसके बाद बच्ची अपने दादा-दादी के पास रहने लगी, जहां अभी वो पढ़ाई कर रही है.
बात इतनी ही होती तब भी जिंदगी गुजर बसर की जा सकती थी, लेकिन इस बच्ची का बायां पैर और हाथ दोनों ही बचपन से टेढे़ हो गए. परिवार की हालत ऐसी नहीं कि उसका इलाज कराया जा सके.
इसके पहले भी गौतम अडानी उत्तर प्रदेश में रहने वाली एक 4 साल की मासूम बेटी के लिए फरिश्ता बने थे उनकी पहल पर चार साल की मनुश्री के दिल के छेद का पीजीआई में इलाज हुआ था.
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गौतम अडानी के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस पहल के बाद लोगों ने इसे हाथों हाथ लिया और उनकी प्रशंसा में कमेंट की बाढ़ आ गई. एक ट्विटर हैंडलर ने ट्वीट कर कहा कि इसी कारण गौतम अडानी जी लाखों दिलों पर राज करते हैं.
-भारत एक्सप्रेस