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Agra Flood Situation: भारी बारिश के चलते चंबल नदी उफान पर; ताजनगरी आगरा के गांवों में घुसा पानी, फसलें डूबीं

आगरा में बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं. वहां चंबल नदी ने बाजरा, तिलहन, उड़द और मूंग की फसलों को जलमग्न कर दिया है. इसके साथ ही पिनाहट घाट पर स्टीमर संचालन भी बंद कर दिया गया है.

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Agra News: ताजनगरी आगरा में बारिश से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. भीषण बारिश की वजह से आगरा के पिनाहट कस्बे में चंबल नदी उफान पर है, जिससे क्षेत्र में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. कोटा बैराज से छोड़े गए 3 लाख क्यूसेक पानी के कारण नदी खतरे के निशान के करीब बह रही है.

तीन दर्जन गांवों के संपर्क मार्ग बाधित

चंबल नदी का पानी पास के ही तटवर्ती तीन दर्जन गांवों के संपर्क मार्गों में भर गया है, जिससे इन गांवों की स्थिति गंभीर हो गई है. प्रशासन ने तटवर्ती गांवों में हाई अलर्ट जारी कर दिया है और नदी के किनारे रहने वाले ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी है. राजस्व टीमों को नदी के किनारे के गांवों में तैनात किया गया है और ग्रामीणों को चंबल नदी के किनारे न जाने की हिदायत दी है.

अधिकारियों को तटवर्ती गांवों में रहने के निर्देश

आगरा जिले के बाह तहसील की उप जिलाधिकारी सृष्टि सिंह ने पिनाहट घाट पर पहुंचकर चंबल नदी का जायजा लिया और अधिकारियों को तटवर्ती गांवों में तैनात रहने के निर्देश दिए हैं. इलाके में बाढ़ चौकियों की भी स्थापना की गई है, ताकि स्थिति पर कड़ी निगरानी रखी जा सके. बाढ़ के कारण चंबल नदी के किनारे की बाजरा, तिलहन, उड़द और मूंग की फसलों को भी जलमग्न कर दिया है. इसके साथ ही पिनाहट घाट पर स्टीमर संचालन भी बंद कर दिया गया है.

चंबल नदी का जलस्तर तेज़ी से बढ़ रहा

संवाददाता ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारी और राहत कार्यकर्ता क्षेत्र की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लगातार जुटे हैं. इलाके में चंबल नदी का जलस्तर तेज़ी से बढ़ रहा है. जलस्तर प्रति घंटा 30 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ता जा रहा है. बताया जा रहा है कि वर्तमान में चंबल नदी का जलस्तर 125 मीटर पर पहुंच चुका है. खतरे का निशान 130 मीटर है.

अब घर से निकलना मुश्किल हो रहा: किसान

एक स्थानीय किसान ने चंबल नदी में बढ़ रहे जलस्तर की जानकारी देते हुए बताया कि क्षेत्र में इस बारिश की वजह से लोगों के घरों में पानी भरना शुरू हो गया है. घर से निकलना बड़ा मुश्किल हो रहा है. फसलें डूब गई हैं.

– भारत एक्‍सप्रेस

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