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MSCB Bank Scam Case: मुंबई पुलिस ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार और उनकी पत्नी को दी क्लीन चिट

मुम्बई पुलिस ने कहा है कि कर्जा देने और शुगर मिल को बेचने की प्रक्रिया में बैंक को किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है.

Ajit Pawar

फोटो-सोशल मीडिया

MSCB Bank Scam Case: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार और उनकी पत्नी सुनेत्रा पवार को 25 हजार करोड़ रुपये के MSCB बैंक घोटाले मामले में मुम्बई पुलिस ने क्लीन चिट दे दी है. इसको लेकर मुंबई पुलिस की EOW ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट पेश की है. इस रिपोर्ट में पुलिस ने कहा है कि इस मामले में जांच के दौरान उन्हें क्रिमिनल एक्ट जैसा कुछ नहीं दिखा है. इसलिए हम इस मामले में उपमुख्यमंत्री अजित पवार और उनकी पत्नी सुनेत्रा पवार और अन्य लोगों को क्लीन चिट दे रहे हैं.

जानें और क्या कहा गया है रिपोर्ट में

आर्थिक अपराध शाखा यानी EOW ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट में आगे कहा है कि सुनेत्रा पवार ने जय अग्रोटेक के डायरेक्टर पद से साल 2008 में इस्तीफ़ा दे दिया था. इसके दो साल के बाद जय एग्रोटेक ने जरनदेश्वर शुगर मिल को 20.25 करोड़ रुपये दिये. इसके बाद गुरु कमोडिटी ने जरंदेश्वर को ऑप सुगर मिल को नीलामी में 65.75 करोड़ में ख़रीदा. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि इसके बाद गुरु कमोडिटी ने जरनदेश्वर को लीज पर दे दिया जिसका डायरेक्टर राजेंद्र घाड़गे और अजीत पवार के रिश्तेदार थे. जरंदेश्वर ने 65.53 करोड़ रुपये गुरु कमोडिटी को किराया दिया था. रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि कर्जा देने और शुगर मिल को बेचने की प्रक्रिया में बैंक को किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है.

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देखें और क्या कहा गया है रिपोर्ट में

इस मामले को लेकर क्लोजर रिपोर्ट में कहा गया है कि जरांदेश्वर को-ऑप शुगर मिल की साल 2010 में नीलामी के लिए 13 टेंडर मिले थे. इसे अंधेरी की गुरु कमोडिटीज सर्विसेज को 65.8 करोड़ रुपये में बेच दिया गया था, जिसके मालिक ओमकार बिल्डर थे. गुरु कमोडिटीज ने इसके बाद मिल को लंबे समय के लिए नई कंपनी जरांदेश्वर शुगर मिल्स प्राइवेट लिमिटेड को बेच दिया था. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि जरांदेश्वर शुगर मिल्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर अजित पवार के रिश्तेदार राजेंद्र घाडगे थे. कंपनी के बनने के दो सप्ताह बाद ही 19 नवंबर 2010 को जय एग्रोटेक से इसे 20.3 करोड़ रुपये मिले. रिपोर्ट में आगे ये भी बताया गया है कि सुनेत्रा पवार जय एग्रोटेक की डायरेक्टर थीं, लेकिन 2008 में पद से इस्तीफा दे दिया था. लेनदेन में कोई गलत गतिविधियां नहीं हुई हैं और एमएससीबी को किसी तरह का कोई घाटा नहीं उठाना पड़ा है.

-भारत एक्सप्रेस



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