Sukhdev Gogamedi Murder Case: राजस्थान के जयपुर में राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना (Rashtriya Rajput Karni Sena) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी (Sukhdev Singh Gogamedi Murder) की 5 दिसंबर को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस वारदात के वक्त गोगामेड़ी के साथ नवीन शेखावत नामक बिजनेसमैन के अलावा उनका गार्ड अजीत सिंह भी मौजूद थे. जो कि इस गोलीबारी में गंभीर रूप से घायल हो गए थे. तब से अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. लेकिन अब उन्होंने भी दुनिया को अलविदा कर दिया. अजीत सिंह ने अस्पताल में आखिरी सांसे लीं.
गोलीबारी के दौरान सुखदेव के साथ
सुखदेव हत्याकांड के इकलौते चश्मदीद गवाह अजीत सिंह बदमाशों द्वारा की गई गोलीबारी के दौरान सुखदेव के साथ ही बैठे थे. हमलावरों द्वारा की गई फायरिंग में सुखदेव को बचाने की कोशिश के दौरान अजीत को भी गोली लग गई थी. गंभीर रूप से घायल होने के दौरान उन्हें सवाई मान सिंह अस्पताल ले जाया गया जहां उनका इलाज चल रहा था. कल मंगलवार को देर रात उन्होंने दम तोड़ दिया.
दिनदहाड़े हुई थी हत्या
सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या साजिश के तहत हुई है. जो शख्स आरोपियों को उनसे मिलवाने के लिए लेकर आया था. बदमाशों ने उसे भी बाद में गोली मार दी. बता दें कि जयपुर का ही एक कपड़ा कारोबारी नवीन शेखावत स्कॉर्पियों गाड़ी में दो लोगों के साथ सवार होकर करणी सेना के अध्यक्ष के घर पहुंचा था. हालांकि उनकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होते हैं, लेकिन वे नवीन शेखावत के साथ आए थे तो उनकी ज्यादा तलाशी नहीं ली गई. क्योंकि नवीन को पहले सुखदेव सिंह जानते थे. दोनों आरोपी और नवीन उन्हें लेकर सुखदेव के कमरे में पहुंचे, इसके बाद कुछ देर बातचीत की और गोगोमेड़ी को गोलियों से भून दिया गया. इस दौरान अजीत सिंह भी घायल हो गए. यह पूरी वारदात वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई. जिसके बाद यह पता चला कि वो शूटर नितिन फौजी और रोहित राठौड़ थे.
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पकड़े गए दोनों शूटर
घटना के बाद से ही पुलिस को दोनों शूटरों की तलाश थी. राजस्थान पुलिस और दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने अपने संयुक्त अभियान में दोनों के गिरफ्तार कर लिया. दोनों को चंडीगढ़ के सेक्टर 22 A के एक होटल से गिरफ्तार किया गया है. शूटर्स गैंगस्टर रोहित गोदारा के दाहिने हाथ माने जाने वाले वीरेंद्र चाहन और दानाराम के लगातार सम्पर्क में था. वहीं अब तक जो सूचना मिली है उसके अनुसार वीरेंद्र चाहन और दानाराम के इशारे पर ही गोगोमेड़ी की हत्या को अंजाम दिया गया था.