अखिलेश यादव और मायावती (फोटो- सोशल मीडिया)
UP Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश की सियासत गर्म हो चली है. जहां एक ओर राजनीतिक दल अपना कुनबा बढ़ाने में लगे हैं तो इसी के साथ ही गठबंधन की गांठ को और भी मजबूत कर रहे हैं. इसी बीच यूपी को साधने और यूपी में भाजपा को पटखनी देने के लिए इंडिया गठबंधन लगातार बसपा सुप्रीमो मायावती को अपनी ओर मिलाने की जुगत भिड़ा रही है. तो वहीं हर कोई ये जानना चाह रहा है कि, बसपा सुप्रीमो मायावती इंडिया गठबंधन में शामिल होंगी या नहीं. फिलहाल कहा जा रहा है कि, अखिलेश यादव लगातार बसपा को इंडिया गठबंधन में शामिल करने का प्रयास करने में जुटे हैं और सीट शेयरिंग का भी फार्मूला तय कर लिया गया है. अगर अब कुछ बाकी रह गया है तो वह है मायावती की हां.
सत्ता का रास्ता यूपी से होकर
माना जाता है कि केंद्र की सत्ता का रास्ता यूपी होकर जाता है. इसीलिए यूपी की लोकसभा की 80 सीटों को साधने के लिए लगातार हर राजनीतिक दल प्रयासरत हैं. जहां भाजपा इस बार सभी 80 सीटों पर फतह हासिल करने का दावा कर रही है तो वहीं सपा-कांग्रेस मिलकर इंडिया गठबंधन के तहत भाजपा का रास्ता रोकने के लिए पूरी कोशिश कर रही है. इस बीच सपा भी यूपी की 80 सीटों पर जीत हासिल करने का दावा कर रही है. तो वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती को यूपी की ताकतवर नेता है. भले ही पिछले कुछ चुनावों व विधानसभा में पार्टी का प्रदर्शन बहुत अच्छा न रहा हो, लेकिन मायावती का वोटबैंक देखा जाए तो यूपी में बसपा सुप्रीमो बड़ी नेता है और एक बड़ा वर्ग उनका फालोवर है.
इंडिया गठबंधन और मायावती
जानकारों का मानना है कि, अगर मायावती इंडिया गठबंधन में शामिल नहीं होती हैं तो भले ही बसपा न जीते, लेकिन इंडिया गठबंधन का खेल जरूर बिगाड़ सकती है. इसलिए इंडिया गठबंधन चाहे सपा हो या कांग्रेस उन्हें अपने साथ लेकर आगे बढ़ने की जुगत भिड़ा रही है. हालांकि मायावती ने अब तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं. वह लगातार गठबंधन में शामिल न होने की बात कर रही हैं, लेकिन कहा जा रहा है कि अपने भतीजे आकाश आनन्द के भविष्य को संवारने के लिए हो सकता है कि, वह गठबंधन का दामन थाम लें. कहा जा रहा है कि, 15 जनवरी को अपने जन्मदिन के दिन कोई बड़ी घोषणा कर सकती हैं.
सीट को लेकर ये चल रहा है मंथन
पहले जहां अखिलेश मायावती को इंडिया गठबंधन में शामिल करने का विरोध कर रहे थे तो वहीं अब उनके भी सुर बदले नजर आ रहे हैं. बताया जा रहा है कि अखिलेश भी मायावती को गठबंधन में शामिल करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि, सपा चुनाव में बसपा को 25-30 सीटें दे सकती है. तो वहीं अगर सूत्रों की मानें तो सपा 35 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. वहीं कांग्रेस 10 और रालोद को 5 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. ये भी कहा जा रहा है कि सीटों का ये बंटवारा सपा ने विधानसभा चुनाव के नतीजों को देखते हुए किया है.
हालांकि ये भी माना जा रहा है कि, मायावती 2019 के चुनाव को देखते हुए अधिक सीटों की मांग कर सकती हैं, क्यों तब बसपा ने सपा से दोगुनी सीटें हासिल की थी. तो वहीं तमाम जानकार ये भी कह रहे हैं कि, सपा और बसपा दोनों बराबर सीटों पर लड़ने का फैसला ले सकती है. तो वहीं ये भी कहा जा रहा है कि, सपा की लिस्ट में बीस सीटें ऐसी है जिस पर वो हर हाल में चुनाव लड़ना चाहती है, इसके लिए लगातार मंथन जारी है. तो वहीं एक जौनपुर सीट जेडीयू से धनंजय सिंह, नगीना से चंद्रशेखर आजाद और अपना दल कमेरावादी की पल्लवी पटेल को कुर्मी वोटरों वाली सीट पर चुनाव लड़ाया जा सकता है.
-भारत एक्सप्रेस