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सुप्रीम कोर्ट से केजरीवाल सरकार को बड़ा झटका, उपराज्यपाल कर सकते हैं MCD में एल्डरमैन की नियुक्ति

Aldermen in MCD: सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि डीएमसी एक्ट के तहत दिल्ली के उपराज्यपाल के पास अधिकार है. वह मनोनीत पार्षदों की नियुक्ति कर सकते हैं.

Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट.

Aldermen in MCD: एमसीडी में एल्डरमैन की नियुक्ति को लेकर दायर दिल्ली सरकार की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि डीएमसी एक्ट के तहत दिल्ली के उपराज्यपाल के पास अधिकार है वह मनोनीत पार्षदों की नियुक्ति कर सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि एल्डरमैन की नियुक्ति के लिए दिल्ली सरकार से सलाह लेने की आवश्यकता नहीं है.

एमसीडी के 10 एल्डरमैन को एलजी द्वारा नॉमिनेट करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा था कि क्या स्थानीय निकाय में विशिष्ट ज्ञान रखने वाले लोगों का नामांकन केंद्र सरकार के लिए इतनी बड़ी चिंता है? कोर्ट ने यह भी सवाल किया था कि क्या एलजी दिल्ली की चुनी हुई सरकार के सलाह के बगैर एल्डरमैन को नॉमिनेट कर सकती है.

एलजी को एमसीडी के सदस्य को नॉमिनेट करने का अधिकार

सीजेआई ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि एलजी के एमसीडी के सदस्य को नॉमिनेट करने का अधिकार लोकतांत्रिक तौर पर चुनी हुई एमसीडी को अस्थिर कर सकता है. कोर्ट ने कहा था ये मामला निगम एक्ट के तहत आता है, इसमें अनुच्छेद 239 AA के तहत कैबिनेट की सलाह की जरूरत नहीं. इस मामले में संविधान का अनुच्छेद 243 लागू होता है.

मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि नॉमिनेट मेंबर, एमसीडी की वार्ड कमिटी बनाने में वोटिंग करते है, जहां बीजेपी कमजोर है. वहीं, एलजी ऑफिस की ओर से पेश अडिशनल सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने कहा था कि एलजी का अनुच्छेद-239AA के तहत रोल है, एडमिनिस्ट्रेटर के तौर पर उनका रोल उससे अलग है.

एडमिनिस्ट्रेटर का जो अधिकार है, उनमें नॉमिनेशन करने में दिल्ली सरकार की सलाह मानना बाध्यकारी नहीं है. जिस पर अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि पिछले 30 साल से एल्डरमैन को दिल्ली सरकार नियुक्त करती रही है. एलजी सिर्फ सलाहकार की भूमिका में थे. पहली बार एलजी ने एल्डरमैन नियुक्त किया है जो नियम के खिलाफ है. यह पहला ऐसा मौका है जब सीधे एलजी ने नॉमिनेट किया है.

दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि पहले भी कई बार दिल्ली और केंद्र में अलग सरकार रही है, लेकिन तब भी एलजी ने दिल्ली सरकार की सलाह को माना था. वहीं, एएसजी संजय जैन ने कहा था कि केंद्र और राज्य सरकार के काम अलग-अलग है, एडमिनिस्ट्रेटर को कुछ अधिकार विधान से मिले हुए हैं.

-भारत एक्सप्रेस

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