आनंद मोहन व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे
प्रशांत राय
Anand Mohan: 1994 में गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा बाहुबली आनंद मोहन सिंह गुरुवार को सहरसा जेल से बाहर आ गया. बिहार सरकार ने हाल ही में आनंद मोहन सिंह सहित 27 दोषियों को रिहा करने की अनुमति देते हुए जेल नियमों में संशोधन किया था. वहीं उसकी रिहाई के बाद अधिकांश बीजेपी नेताओं ने चुप्पी साध रखी है. इस बीच केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि आनंद मोहन को गलत तरीके से फंसाया गया था.
आनंद मोहन की रिहाई पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार और राजद सुप्रीमो लालू यादव को घेरते हुए अश्विनी चौबे ने कहा कि आनंद मोहन को सजा दिलवाने वाले आज उनके साथ गलबहियां कर रहे हैं. अश्विनी चौबे ने आरोप लगाया कि उस समय लालू यादव और नीतीश कुमार के इशारों पर आनंद मोहन को गलत तरीके से फंसाया गया था.
आनंद मोहन की राजनीतिक हत्या की गई थी- केंद्रीय मंत्री
आनंद मोहन की रिहाई पर बिहार में जारी राजनीतिक घमासान के बीच अश्विनी चौबे ने निशाना साधते हुए कहा कि उस दौर में आनंद मोहन की राजनीति हत्या लालू और नीतीश कुमार द्वारा ही की गई थी. केंद्रीय मंत्री ने कहा, “गोपालगंज के जिलाधिकारी की हत्या की मैं निंदा करता हूं लेकिन उस हत्या में आनंद मोहन कहीं से भी कानूनी दायरे में नहीं आते थे. लेकिन जो लोग आज उनके साथ गलबहियां करने का दिखावा कर रहे हैं, मैं उनसे सवाल पूछता हूं कि बताइए कि आप लोगों ने ही आनंद मोहन की राजनीति हत्या की थी.”
बक्सर पहुंचे अश्विनी चौबे ने कहा कि आनंद मोहन के साथ गलबहियां करने पर भी बिहार की राजनीति पर कोई अंतर पड़ने वाला नहीं है ..क्योंकि पहले ये लोग सजा दिलवाते है फिर गलबहियां कर केवल दिखावा करते हैं. अश्विनी चौबे ने कहा कि आनंद मोहन जवानी में जेल गए, उसका हिसाब कौन देगा.
पूर्व आईएएस अधिकारी जी कृष्णैया की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व सांसद आनंद मोहन को रिहा कर दिया गया है. बिहार में गोपालगंज के डीएम रहे आईएएस अधिकारी कृष्णैया को 1994 में भीड़ ने उस समय पीट-पीटकर मार डाला था, जब उनका वाहन मुजफ्फरपुर जिले से गुजर रहा था. इस मामले में आनंद मोहन पर भीड़ को उकसाने का आरोप लगा था.
-भारत एक्सप्रेस
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