लालू प्रसाद यादव
लैंड फॉर जॉब से संबंधित सीबीआई के मामले में राऊज एवेन्यु कोर्ट 16 जनवरी को सुनवाई करेगा वही ईडी के मामले में कोर्ट ने सुनवाई के लिए 17 जनवरी की तारीख तय की है. इस मामले में शामिल एक कथित आरोपी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए संबंधित अधिकारी से मंजूरी नहीं मिली है जिसके बाद कोर्ट ने सुनवाई को टाल दिया है. लैंड फॉर जॉब घोटाले से जुड़े मामले में सीबीआई को 30 सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मिल गई है. लेकिन एक अन्य सरकारी अधिकारी के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति का इंतजार है. 7 अक्टूबर को सभी 9 आरोपियों को एक-एक लाख रुपए की निजी मुचलके पर जमानत मिल गई थी. कोर्ट ने सभी को पासपोर्ट सरेंडर करने को कहा था.
लालू यादव सहित उनके परिवार पर आरोप
सीबीआई द्वारा दायर अंतिम चार्जशीट में 78 लोगों को आरोपी बनाया गया है. सीबीआई के मुताबिक इसमें 38 कैंडिडेट्स हैं इसके अलावा कुछ अधिकारी शामिल है. सीबीआई ने 6 मार्च को इस मामले में तीसरा पूरक आरोप पत्र दाखिल किया था. जिसमें भोला यादव को आरोपी बनाया गया है. सीबीआई द्वारा दाखिल पूरक आरोप पत्र में कहा गया है कि भोला यादव लालू प्रसाद यादव के सचिव रह चुके हैं और वही सभी काम देखते थे. भोला यादव ही अधिकारियों को निर्देश देते थे.
इस मामले में लालू प्रसाद यादव सहित उनके परिवार के पांच सदस्य आरोपी है. इसमें लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, मीसा भारती और हेमा यादव शामिल है. वही ईडी के मामले में कोर्ट ने 7 मार्च को राबड़ी देवी, मीसा भारती, हीमा यादव और हृदयानंद चौधरी को नियमित जमानत दी थी. कोर्ट ने 18 सितंबर को ईडी की ओर से दाखिल पहली पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. ईडी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में पूर्व केंद्रीय रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव, उनके बेटे तेजस्वी यादव को आरोपी बनाया गया है.
नौकरी के बदले जमीन लेने का आरोप
ईडी का आरोप है कि लालू प्रसाद यादव ने रेलमंत्री रहते हुए नौकरी के बदले लोगों से जमीन ली थी. इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत ईडी जांच कर रही है. ईडी ने 100 पेज का सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल किया है. चार्जशीट के साथ 96 दस्तावेज भी दिए गए हैं. इसमें ललन चौधरी, हजारी राय, धर्मेन्द्र कुमार, अखिलेश्वर सिंह, रविंदर कुमार, स्वर्गीय लाल बाबू राय, सोनमतिया देवी और संजय राय का भी नाम शामिल है. इस मामले में सीबीआई ने अंतिम चार्जशीट दाखिल कर दिया है. राजद प्रमुख और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने वर्ष 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहते बगैर किसी विज्ञापन के कई लोगों को रेलवे में नौकरियां दी. नौकरी देने के बदले उनसे या उनके परिवार के सदस्यों से लालू प्रसाद यादव ने उनकी जमीनें अपने परिवार के नाम लिखवा ली. इस मामले में सीबीआई और ईडी दोनों जांच कर रही है.
-भारत एक्सप्रेस
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