Deoria Murder Case: देवरिया हत्याकांड के चश्मदीद अनमोल दुबे ने आखिरकार मौत को मात दे ही दी है. डाक्टरों ने उसे अब खतरे से बाहर बताया है. घटना के बाद से ही उसका इलाज गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में चल रहा था. बताया जा रहा है कि जबसे वह होश में आया है, तबसे मां-मां के साथ ही पिता और पूरे परिवार को बुला रहा है. उसकी पुकार सुनकर नर्स, डाक्टरों की आंखें भी नम हो जा रही हैं. क्योंकि वह जिनको पुकार रहा है वे अब इस दुनिया में नहीं रहे और वह तो किस्मत से बच गया. हत्यारे उसे भी मरा समझकर छोड़ गए थे लेकिन उसकी सांसें चल रही थी और वह गम्भीर रूप से घायल था, जिसे पुलिस ने अस्पताल में भर्ती करा दिया था.
मालूम हो कि अनमोल दुबे का इलाज अस्पताल में सुरक्षा के घेरे में किया जा रहा है. अनमोल का इलाज ICU में चल रहा है. हालांकि अनमोल के बारे में अस्पताल से लेकर जिला प्रशासन तक कुछ बताने को तैयार नहीं है, बस इतना कहा जा रहा है कि बच्चा अब खतरे से बाहर है और उसे अपना परिवार याद आ रहा है. तो वहीं अनमोल को अभी उसके परिवार की हत्या के बारे में नहीं बताया जा रहा है. सभी उसके पूरी तरह से ठीक होने का इंतजार कर रहे हैं.
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बता दें कि अनमोल दुबे मृतक सत्यप्रकाश दुबे का छोटा बेटा है. 2 अक्टूबर को देवरिया जिले से रुद्रपुर कोतवाली क्षेत्र के फतेहपुर गांव में उस वक्त हमलावरों ने ब्राह्मण परिवार के पांच लोगों की हत्या कर दी थी, जब पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेम चंद यादव की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी. इस हत्या का आरोप सत्यप्रकाश दुबे पर लगाते हुए उनसे घर प्रेम चंद यादव के समर्थकों ने हमला बोल दिया था और सत्यप्रकाश दुबे के साथ ही उनकी पत्नी और तीन बच्चों कि बेहरमी से हत्या कर दी थी. घटना के वक्त अनमोल का बड़ा भाई देवेश पूजा कराने के लिए घर के बाहर था, इसलिए वह बच गया और एक बहन शोभिता की शादी हो जाने के कारण वह ससुराल में थी. बता दें कि इस घटना में पुलिस ने शोभिता की शिकाय पर 27 नामजद और 50 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. इस मामले में पुलिस ने अभी तक 21 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने दो दिन पहले ही प्रेमचंद यादव के ड्राइवर नवनाथ मिश्रा को गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि नवनाथ मिश्रा ने ही दुबे परिवार पर प्रेमचंद की राइफल से दुबे परिवार को गोली मारी थी.
गौरतलब है कि घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अनमोल से मिलने के लिए मेडिकल कॉलेज गए थे. इसी के साथ ही उसके इलाज में किसी भी तरह की लापरवाही न किए जाने की हिदायत दी थी और सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद रखने के निर्देश भी दिए थे.
-भारत एक्सप्रेस
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