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मुस्लिमों की जिंदगी मुश्किल होती तो आबादी नहीं बढ़ती- बोलीं निर्मला सीतारमण, ओवैसी का पलटवार, बोले- मुसलमान को कब तक पाकिस्तान से जोड़ेंगे

Nirmala Sitharaman: निर्मला सीतारमण ने कहा था, “जैसा ज्यादातर लेखों में दावा किया गया है कि मुसलमानों की जिंदगी को मुश्किल बना दिया गया है, अगर इसमें सच्चाई होती तो क्या 1947 के बाद से मुस्लिम आबादी में इज़ाफा होता?”

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AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (फोटो- ANI)

Asaduddin Owaisi: एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बयान पर निशाना साधा जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत में मुसलमान पाकिस्तान से बेहतर कर रहे हैं. हैदराबाद के सांसद ने भारतीय अर्थव्यवस्था के लचीलेपन और विकास पर चर्चा के दौरान पीटरसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स (पीआईआईई) में अमेरिका में की गई सीतारमण की टिप्पणियों का खंडन करते हुए कई ट्वीट किए.

ओवैसी ने लिखा, “वित्त मंत्री के लिए बेंचमार्क पाकिस्तान है. संघ परिवार की संविधान विरोधी विचारधारा के बावजूद भारत में मुसलमान फले-फूले हैं. मुसलमान कब तक पाकिस्तान से जुड़े रहेंगे? हम पाकिस्तान के खिलाफ बंधक या मैस्कॉट्स नहीं हैं. हम नागरिक हैं. हम सम्मान और न्याय के हकदार हैं.”

निर्मला सीतारमण के बयान पर ओवैसी ने पूछा, “यदि हिंदुओं का एक वर्ग बेहतर जीवन स्तर की मांग करता है, तो क्या आप उन्हें चुप रहने के लिए कहेंगे क्योंकि सोमालिया में अधिकांश लोग बदतर स्थिति में हैं?” उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ दल का लोकसभा में एक भी मुस्लिम सांसद नहीं है, यह हानिकारक है. लेकिन भाजपा इसे सम्मान समझती है.

सिलसिलेवार ट्वीट कर दिया जवाब

इतना ही नहीं, ओवैसी ने आगे ट्वीट किया, आबादी जनसांख्यिकीय कारकों के आधार पर बढ़ती या घटती है, न कि किसी सरकार के परोपकार या द्वेष पर. हालांकि मान लें कि इसमें सरकार की भूमिका है, तो हर जनगणना में भारत में मुस्लिम आबादी में गिरावट दिखाई देती है. इसका क्या मतलब है? इसका मतलब है कि सरकार ईर्ष्यालु है.

ओवैसी ने लिखा कि जनसंख्या वृद्धि या गिरावट ही अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार का सही पैमाना नहीं है. उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि आज के भारत में नरसंहार धर्म संसद को सरकार द्वारा नजरअंदाज किया जाता है; सत्तारूढ़ पार्टी के सांसदों ने आर्थिक बहिष्कार का आह्वान किया और लोगों से ‘हथियार’ रखने के लिए कहा.

 महाराष्ट्र में 50 मुस्लिम विरोधी रैलियां हुईं- ओवैसी

ओवैसी ने आरोप लगाया कि अकेले महाराष्ट्र में 50 मुस्लिम विरोधी रैलियां हुईं. उन्होंने आरोप लगाया कि जब मुस्लिमों की लिंचिंग होती है तो सरकार इसे नजरअंदाज कर देती है. इसके बजाय, मुसलमानों की संपत्तियों पर बुलडोजर चलाए जाते हैं और झूठे आरोप में जेल में डाल दिया जाता है.

बता दें कि निर्मला सीतारमण ने कहा था, “जैसा ज्यादातर लेखों में दावा किया गया है कि मुसलमानों की जिंदगी को मुश्किल बना दिया गया है, अगर इसमें सच्चाई होती तो क्या 1947 के बाद से मुस्लिम आबादी में इज़ाफा होता?”

-भारत एक्सप्रेस



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