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सोशल मीडिया पर अशोक गहलोत की लोकप्रियता घटी, चुनावी कैंपेन पूरी तरह ठप, जानिए क्या है पूरा मामला

राजस्थान में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. जिसके बाद सभी पार्टियां चुनाव प्रचार में जोर-शोर से जुटी हुई हैं.

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राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत (फोटो फाइल)

Rajasthan Election: राजस्थान में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. जिसके बाद सभी पार्टियां चुनाव प्रचार में जोर-शोर से जुटी हुई हैं. इसी बीच एक विवाद को लेकर कांग्रेस का इलेक्शन कैंपन पूरी तरह से ठप हो गया है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कांग्रेस के कैंपन की रीच 3 करोड़ कम हो गई है. जिसको लेकर तमाम तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं.

चुनावी कैंपेन हुआ ठप

दरअसल, राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और डिजाइनबॉक्स के संस्थापक नरेश अरोड़ा के बीच विवाद हो गया था, जिसके बाद कैंपेन की रफ्तार धीमी पड़ गई. इसके अलावा कहा जा रहा है कि विजन 2030 और ईआरसीपी की यात्रा 30 सितंबर से शुरू होनी थी, लेकिन अब इसे 16 अक्टूबर तक के लिए टाल दिया गया है. वहीं यात्रा की तारीख नजदीक आ गई है, लेकिन अब तक कोई तैयारी नहीं हो रही है. डोर-टू-डोर गांरटी कैंपेन कार्ड भी सितंबर के आखिरी सप्ताह में शुरू होने वाला था. जो अब तक नहीं शुरू हुआ है.

बीजेपी से आगे चल रही थी कांग्रेस

गौरतलब है कि सितंबर में एक मीडिया सर्वे किया गया था. जिसमें कांग्रेस को कैंपेन के मामले में बीजेपी से आगे बताया गया था. अक्टूबर में बीजेपी कांग्रेस से आगे निकल गई है. पिछले 6 महीने से गहलोत सरकार सोशल मीडिया पर एग्रेसिव कैंपन चला रही थी, लेकिन विवाद के बाद ये कैंपेन पूरी तरह से ठप हो गया है. जिसको लेकर अटकलों का बाजार भी गर्म हो रहा है.

ऐसे शुरू हुआ विवाद

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और डिजाइनबॉक्स के फाउंडर नरेश अरोड़ा के बीच विवाद हो गया था. जिसको लेकर कहा गया कि राजस्थान में फरवरी महीने में डिजाइनबॉक्स की एंट्री हुई थी. उस समय एक सर्वे एजेंसी ने बताया था कि कांग्रेस राज्य में बुरी तरह से चुनाव हार रही है. इसी के बाद आलाकमान ने राजस्थान को तवज्जो देना कम कर दिया था.

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जिसके बाद अशोक गहलोत ने कैंपेन का काम डिजाइनबॉक्स को सर्वे और कैंपेन की जिम्मेदारी सौंपी थी. इसके बाद कांग्रेस ने तमाम काम धड़ल्ले से किए. इन कामों की वजह से कांग्रेस ने जबरदस्त वापसी की. चुनावी माहौल पूरी तरह से कांग्रेस के पक्ष में आ गया.

कैंपेन में अशोक गहलोत पर किया गया फोकस

इसी बीच कांग्रेस पार्टी को सर्वे में 90-105 सीटें मिलती हुई दिखाई गईं. लेकिन विवाद शुरू हो गया. इसकी वजह ये रही कि पूरा कैंपेन अशोक गहलोत और उनके कामों के इर्द-गिर्द घूमता हुआ दिखाया गया. यहीं से प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा और नरेश अरोड़ा के बीच विवाद शुरू हो गया. जिसके बाद चुनावी कैंपेन पूरी तरह से सुस्त हो गया है.

-भारत एक्सप्रेस



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