चराईदेव मैदाम या मोइदम. (फोटो: Wikipedia)
पूर्वी असम में चराईदेव मैदाम (Charaideo Maidam), जिसे मोइदम (Moidam) भी कहते हैं, को सांस्कृतिक संपत्ति की श्रेणी में यूनेस्को (UNESCO) की विश्व धरोहर स्थल (World Heritage Site) सूची में शामिल किया गया है. मिस्र के पिरामिडों की तरह मोइदम अहोम राजघराने के सदस्यों के मिट्टी के दफन टीले हैं, जिनका 600 साल का शासन इस क्षेत्र पर ब्रिटिश कब्जे के कारण समाप्त हो गया था.
चराईदेव मैदाम पूर्वोत्तर का पहला और भारत का 43वां स्थल है, जिसे विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी गई है. असम में प्राकृतिक श्रेणी में दो अन्य ऐसे स्थल हैं – काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और मानस राष्ट्रीय उद्यान, दोनों को बाघ अभ्यारण्य में अपग्रेड किया गया है.
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने खुशी जताई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कदम पर खुशी जताते हुए कहा, ‘भारत के लिए यह बहुत खुशी और गर्व की बात है! चराईदेव में मोइदम गौरवशाली अहोम संस्कृति को प्रदर्शित करते हैं, जिसमें पूर्वजों के प्रति अत्यधिक श्रद्धा होती है। मुझे उम्मीद है कि अधिक लोग महान अहोम शासन और संस्कृति के बारे में जानेंगे. मुझे खुशी है कि मोइदम विश्व विरासत सूची में शामिल हो गए हैं.’
A matter of immense joy and pride for India!
The Moidams at Charaideo showcase the glorious Ahom culture, which places utmost reverence to ancestors. I hope more people learn about the great Ahom rule and culture.
Glad that the Moidams join the #WorldHeritage List. https://t.co/DyyH2nHfCF
— Narendra Modi (@narendramodi) July 26, 2024
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक्स पर लिखा, ‘यह बहुत बड़ी बात है. मोइदम को सांस्कृतिक संपत्ति श्रेणी के तहत यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है. यह असम के लिए एक बड़ी जीत है. माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूनेस्को विश्व धरोहर समिति के सदस्यों और असम के लोगों को धन्यवाद.’
THIS IS HUGE 🤩
The Moidams make it to the #UNESCO World Heritage list under the category Cultural Property – a great win for Assam
Thank You Hon’ble Prime Minister Shri @narendramodi ji , Members of the @UNESCO World Heritage Committee and to the people of Assam 🙏
1/3 pic.twitter.com/ALia92ZGUq
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) July 26, 2024
चराईदेव जिले का पर्यटन स्थल
यूनेस्को में भारत के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि विशाल वी. शर्मा ने मार्च में इस स्थल का दौरा किया था. अब तक खोजे गए 386 मैदाम में से चराईदेव में 90 शाही कब्रगाह इस परंपरा के सबसे अच्छे संरक्षित, प्रतिनिधि और सबसे पूर्ण उदाहरण हैं.
मैदाम में अहोम शासकों के पार्थिव अवशेषों को उनके सामान के साथ रखा जाता है. 18वीं शताब्दी के बाद अहोम ने दाह संस्कार की हिंदू पद्धति को अपनाया और चराईदेव में एक मैदाम में दाह संस्कार की गईं हड्डियों और राख को दफनाना शुरू कर दिया. अत्यधिक पूजनीय मैदाम चराईदेव जिले को एक पर्यटन स्थल बनाते हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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