विदेश मंत्री एस. जयशंकर.
SCO Summit 2024: कजाकिस्तान के अस्ताना में 24वां शिखर सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है. जिसमें शामिल होने के लिए विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी पहुंचे हैं. शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए एस. जयशंकर ने पीएम मोदी का संदेश पढ़कर सुनाया. जिसमें पीएम मोदी ने एससीओ के सदस्य के रूप में शिखर सम्मेलन की सराहना की.
पीएम मोदी ने अपने संदेश में आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और आर्थिक विकास के लिए मजबूत कनेक्टिविटी के मु्द्दे पर जोर दिया. पीएम मोदी ने कहा, एससीओ हमारी विदेश नीति में एक अहम स्थान रखता है. भारत ने 2020 में शासनाध्यक्षों की परिषद बैठक और 2023 में राष्ट्राध्यक्षों की परिषद बैठक की मेजबानी की थी.
बेलारूस का स्वागत
विदेश मंत्री ने पीएम मोदी का संदेश पढ़ते हुए आगे कहा, एससीओ में सदस्य के तौर पर ईरान को शामिल होने पर बहुत बहुत बधाई. इस दौरान विदेश मंत्री ने हेलिकॉप्टर दुर्घटना में राष्ट्रपति रईसी समेत अन्य लोगों की दुखद मौत पर संवेदना व्यक्त की. इसके साथ ही राष्ट्रपति लुकाशेंको को पद पर आसीन होने के लिए बधाई भी दी. एससीओ में नए सदस्य के तौर पर शामिल हुए बेलारूस का स्वागत किया.
Represented India at the SCO Plus format Meeting in Astana today.
Read out PM @narendramodi’s statement on the theme ‘Strengthening Multilateral Dialogue – Striving for Sustainable Peace and Development’.
Link 🔗 : https://t.co/xH2HY2pcHx pic.twitter.com/yMKlXNRP7E
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 4, 2024
आतंकवाद पर सुनाई खरी-खरी
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आतंकवाद के मुद्दे पर कहा कि इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य मानवता के खिलाफ वाली हिंसक घटनाओं पर चिंतन करने के साथ ही इसके प्रभाव को कम करना प्राथमिकता होनी चाहिए.
विदेश मंत्री ने कहा, वर्तमान समय में विदेश नीतियों के आधार पर भारत संप्रभुता, स्वतंत्रता, क्षेत्रीय अखंडता, समानता, पारस्परिक लाभ, आतंरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने, बल का प्रयोग न करने या फिर बल की धमकी न देने के लिए परस्पर सम्मान को कायम रख रहा है. हमें एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़नी होगी. यह एससीओ के मूल लक्ष्यों में से एक है. इसके साथ ही सीमा का उल्लंघन शांति के लिए एक बड़ा खतरा है. आतंकवाद को किसी भी रूप में माफ नहीं किया जा सकता है.
विदेश मंत्री ने पीएम मोदी का संदेश पढ़ते हुए कहा, अंतरराष्ट्रीय समुदाय को उन देशों को पूरी तरह से अलग-थलग कर बेनकाब कर देना चाहिए जो आतंकवाद की खेती करते हैं. उन्हें पनाह देते हैं. अब आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ने की जरूरत है. टेरर फंडिंग को पूरी तरह से समाप्त किया जाना चाहिए. आतंकवाद के रास्ते पर जा रहे युवाओं को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए.
-भारत एक्सप्रेस
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