₹52,499 में मिल रहा iPhone 13, यह अब तक की सबसे कम कीमत, खरीदें
Atiq Ahmad Shot Dead: माफिया से राजनीति का सफर शुरू करने वाले अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या करने वालों ने भारत में प्रतिबंधित अत्याधुनिक जिगाना पिस्तौल का इस्तेमाल किया था. इस वारदात में तीन युवकों ने हिस्सा लिया था. प्रदेश के अलग-अलग जिले के तीनों हमलावरों ने बड़ी ही होशियारी के साथ पुलिस कस्टडी में मेडिकल जांच कराने जा रहे अतीक और उसके भाई को शनिवार देर रात गोलियों से भून डाला था. इस शूटआउट का लाइव वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें अपराधी बेखौफ और मंझे हुए दिखाई दे रहे हैं.
मीडिया सूत्रों के मुताबिक जिगाना एक अर्ध-स्वचालित पिस्तौल है जो तुर्की की बंदूक निर्माण कम्पनी टीआईएसएएस (TISAS) द्वारा निर्मित है. जानकारी सामने आई है कि जिस पिस्तौल का इस्तेमाल हमलावरों ने किया था, उसका उत्पादन 2001 में शुरू हुआ था. जिगकाना पिस्तौल में संशोधित ब्राउनिंग-टाइप लॉकिंग सिस्टम के साथ लॉक- स्लाइट शार्ट रिकॉइल ऑपरेटिंग तंत्र है. यह भारत में पूरी तरह के बैन है. इसकी कीमत 6 से 7 लाख रुपए है.
बता दें कि अतीक और अशरफ की हत्या के मामले में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक बताया गया है कि शनिवार की रात दोनों को मेडिकल जांच के लिए एक अस्पताल ले जाया जा रहा था. उसी दौरान मीडिया कर्मी दोनों से सवाल-जवाब करने लगे. फिर अचानक दो पत्रकारों ने अपना-अपना कैमरा व माइक गिरा दिया और अतीक व अशरफ पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर उन्हें मार डाला. इस दौरान पुलिसकर्मी मान सिंह को भी चोटे आईं और हमलावरों में से एक घायल भी हो गया. इसके बाद शूटर लवलेश तिवारी, सनी सिंह व अरुण मौर्य ने अपने-अपने हथियार गिरा दिए. इस घटना को कवर कर रहे कुछ पत्रकारों को भी मामूली चोटे आई हैं. प्रथामिकी में दर्ज किया गया है कि पूछताछ में तीनों हमलावरों ने खुलासा किया कि वे अतीक और अशरफ के गिरोह को खत्म करना चाहते थे. इस तरह का काम करके वह अपना नाम रोशन करना चाहते थे. इसी के साथ तीनों हमलावरों ने ये भी कहा कि वे सही मौके की तलाश कर रहे थे.
अली को नवंबर 2019 में लश्कर के एक ऑपरेटिव शेख अब्दुल नईम उर्फ सोहेल खान…
फरवरी 2020 में, तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की भारत यात्रा के साथ ही नागरिकता…
मध्य प्रदेश में शिवपुरी के पुलिस अधीक्षक अमन सिंह राठौड़ ने बताया कि कोतवाली के…
सूरत जिले में फिलहाल तेंदुओं की संख्या 150 पर पहुंची है. बीते छह महीने में…
झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से चलाई जा रही ‘मंईयां सम्मान योजना’ पर…
मणिपुर को 1980 से ही AFSPA के तहत ‘अशांत क्षेत्र’ का दर्जा प्राप्त है और…