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Atiq Ahmed की मौत को हुआ एक साल, अब तक पुलिस के हाथ नहीं लगीं माफिया परिवार की ये तीन महिलाएं, जेल में बंद दो बेटे हिस्ट्रीशीटर घोषित

अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन पर उमेश पाल हत्याकांड के साथ ही अवैध असलहा रखने, फर्जी जानकारी देकर असलहा लाइसेंस बनवाने जैसे आरोप में कुल पांच मुकदमे दर्ज हैं.

Atiq Ahmed

माफिया अतीक अहमद और अशरफ (फाइल फोटो)

Atiq Ahmed: यूपी के कुख्यात माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को पिछले साल यानी 2023 में आज ही दे दिन 15 अप्रैल को बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. उमेश पाल हत्याकांड मामले में आरोपी उसके एक बेटे का एनकाउंटर हो चुका है तो वहीं उसकी बीवी शाइस्ता परवीन, बहन आयशा नूरी और अशरफ की पत्नी जैनब फरार हैं.

उसके दो बेटे जेल में बंद हैं और दो नाबालिग बेटे रिश्तेदार के यहां रह रहे हैं. दूसरी ओर उसकी तमाम संपत्ति को भी लगातार कुर्क करने की कार्रवाई की जा रही है. पुलिस उसकी बेनामी संपत्ति के खिलाफ भी लगातार जांच कर कार्रवाई कर रही है. इसी बीच खबर सामने आ रही है कि पुलिस ने अतीक की तरह ही जेल में बंद उसके दो बेटों को भी हीस्ट्रीशीटर घोषित कर दिया है.

दोनों भाइयों के निधन की बरसी के एक दिन पहले यानी 14 अप्रैल 2024 को उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद की धूमनगंज पुलिस ने अली और उमर की हिस्ट्रीशीट खोली है. पुलिस रिकॉर्ड में ये दोनों ही अपने पिता की तरह शातिर अपराधी बन गए हैं.

अतीक अहमद के खिलाफ गैंगस्टर समेत कुल 101 केस दर्ज थे. अतीक का हिस्ट्रीशीट नंबर 39ए और अशरफ का हिस्ट्री शीट नंबर 93ए था. जबकि उमर की हिस्ट्रीशीट 57बी और अली की हिस्ट्रीशीट 48बी खोली गई है.

अली अहमद नैनी सेंट्रल जेल में बंद है. अभी तक इसके खिलाफ 12 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं. इसी के साथ ही उमेश पाल हत्याकांड में भी उसे दोषी बनाया गया है. उमर लखनऊ जेल में बंद है और उसके खिलाफ तीन केस दर्ज हैं. बता दें कि उमर को सीबीआई ने देवरिया जेल कांड के साथ ही उमेश पाल शूटआउट केस में भी आरोपी बनाया है. ये दोनों रंगदारी मामले में भी दोषी हैं.

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15 अप्रैल 2023 को मारी गई थी माफिया ब्रदर्स को गोली

बता दें कि 15 अप्रैल 2023 की रात करीब साढ़े 10 बजे पुलिस कस्टडी में पत्रकार बनकर आए बदमाशों ने अतीक और अशरफ को गोली मार दी थी. मौके पर ही माफिया ब्रदर्स की मौत हो गई थी. हालांकि बदमाशों को पुलिस ने तुरंत गिरफ्तार कर लिया था. इस मामले में हत्या के आरोप में अरुण, सनी, लवलेश, जेल में बंद हैं और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है.

एक साल से पुलिस के हाथ नहीं लगी अतीक के परिवार की ये तीन महिलाएं

बता दें कि अधिवक्ता उमेश पाल हत्याकांड के बाद उनकी पत्नी ने अतीक के पूरे परिवार और खास गुर्गों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इसी के बाद पुलिस ने अतीक के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए उसके बेटे असद को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था. तो वहीं इसी हत्याकांड मामले में उसकी बीवी शाइस्ता परवीन, अशरफ की बीवी जैनब और बहन आयशा नूरी फरार चल रही है. पुलिस ने इन लोगों को भगोड़ा घोषित कर दिया है. अतीक के खास गुर्गे गुड्डू मुस्लिम तक भी पुलिस नहीं पहुंच सकी है.

पुलिस ने घोषित कर दिया है लेडी डॉन

अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन पर उमेश पाल हत्याकांड के साथ ही अवैध असलहा रखने, फर्जी जानकारी देकर असलहा लाइसेंस बनवाने जैसे आरोप में कुल पांच मुकदमे दर्ज हैं. उसके ऊपर 50 हजार का इनाम रखा गया है तो वहीं जैनब और आयशा पर 25-25 हजार का इनाम है. शाइस्ता को पुलिस डॉन घोषित कर चुकी है.
अतीक के दो अन्य नाबालिग बेटे रिश्तेदार के घर में रह रहे हैं.

अपराध की दुनिया में अतीक की बोलती थी तूती

बता दें कि अपराध की दुनिया में कभी अतीक अहमद की तूती बोलती थी. जानकारों की मानें तो उसने जरायम की दुनिया में करीब साढ़े तीन दशक तक वह बादशाह बनकर रहा. बताया जाता है कि जहां से भी वो निकलता था लोग घरों में दुबक जाते थे. जेल में रहते हुए उसने उमेश पाल की हत्या की साजिश रच उसे मरवा डाला. इसी के बाद उसके लिए काले दिन जो शुरू हुए उसने उसे मौत की नींद ही सुला दिया. बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के अहम गवाह उमेश पाल की हत्या के मामले में उसे गुजरात की साबरमती जेल से इलाहाबाद लाया गया था. बता दें कि 18 साल पहले हुए अपहरण मामले में अतीक और अशरफ जेल में बंद चल रहे थे. सैकड़ों मुकदमे दर्ज होने के बावजूद उसके ऊपर पहली सजा 28 मार्च 2023 को इलाहाबाद की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनाई गई.

पत्रकार के भेष में आए बदमाशों ने मारी थी गोली

करीब एक हफ्ते बाद उमेश पाल हत्याकांड मामले में पूछताछ के लिए अतीक को साबरमती जेल से रिमांड पर प्रयागराज लाया गया. इस दौरान असद की पुलिस मुठभेड़ में ही मौत को लेकर वह क्रोधित भी था और उसकी आंखें नम थीं. बता दें कि पिछले साल 15 अप्रैल की सुबह ही असद को कब्रिस्तान में दफनाया गया था और इसी दिन रात में ही अतीक-अशरफ को बदमाशों ने गोली मार दी थी. दोनों को पुलिस कस्टडी में मेडिकल जांच के लिए कॉल्विन लाया गया था. यहां पर कुछ पत्रकार दोनों से बात करने लगे. इसी दौरान पत्रकारों के भेष में आए बदमाशों ने दोनों को गोली मार दी थी. इस खबर से पूरा यूपी हैरान हो गया था.

पुलिस के निशाने पर मददगार

अतीक की मौत के बाद से ही पुलिस लगातार अतीक की बेनामी सम्पत्तियो और उसकी मदद पहुंचाने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. पुलिस ने परिवार व गैंग के फरार चले सदस्यों की 25 करोड़ की संपत्ति पर कार्रवाई की है. माफिया की बेनामी संपत्तियों पर भी लगातार कार्रवाई जारी है. पिछले साल गौसपुर कटहुला में 12.42 करोड़ की बेनामी संपत्ति पर पुलिस गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क कर चुकी है तो वहीं हाल ही में नैनी, फूलपुर, हंडिया में 10 करोड़ से ज्यादा की बेनामी संपत्तियों के खिलाफ भी पुलिस कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है.

-भारत एक्सप्रेस



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