अतीक अहमद (फोटो सोशल मीडिया)
Atiq Ahmed News: गुजरात की साबरमती जेल से प्रयागराज लाए गए बाहुबली अतीक अहमद पर आज बड़ा फैसला आने वाला है. इलाहाबाद की एमपी-एमएलए कोर्ट में 17 साल पुराने केस में आज अतीक अहमद (Atiq Ahmed) को उसके गुनाहों की सजा मिलने वाली है. अतीक अहमद पर जिस उमेश पाल की हत्या का आरोप लगा है. 17 साल पहले अतीक ने उसी उमेशपाल का अपहरण करवाया था और आज इसी केस में बाहुबली के भविष्य का फैसला होगा. जिससे माफिया बुरी तरह डरा हुआ है.
पिछले महीने प्रयागराज उमेश पाल के मर्डर से दहल गया था. 24 फरवरी को दिनदहाड़े बदमाशों ने उमेश पाल (Umesh Pal Case) को घेरा और उसपर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. शूटरों की गोलियों में जितना बारूद था वो उमेशपाल के सीने में उतार दिया गया. हमले में उमेशपाल की जान चली गई. हत्या का आरोप बाहुबली अतीक अहमद पर लगा है.
जांच एजेंसियों का दावा है कि अतीक के इशारे पर हत्या को अंजाम दिया गया. लेकिन आज इलाहाबाद की कोर्ट में जिस मामले में अतीक की पेशी होने जा रही है वो मामला भी उमेश पाल से ही जुड़ा है. 17 साल पहले उमेश पाल के किडनैपिंग वाले मामले में अतीक अहमद को इलाहाबाद की एमपी एमएलए कोर्ट में पेश होना है.
उमेश पाल और अतीक (Atiq Ahmed) की अदावत का इतिहास काफी लंबा रहा है. मामला साल 2007 का है जब उमेश पाल ने अतीक और उसके भाई अशरफ पर अपने अपहरण का केस दर्ज करवाया था. साल 2006 में उमेश पाल का अपहरण हुआ. 17 साल तक अदालतों की फाइल में उलझे इस केस में आज बड़ा फैसला आने की उम्मीद दिखाई दे रही है, क्योंकि इस केस में अदालत सुनवाई पूरी कर चुका है.
अतीक के अलावा उसके भाई अशरफ समेत दूसरे आरोपी भी कोर्ट में पेश होंगे. पुलिस की चार्जशीट में 11 आरोपियों का नाम है. इस केस में अतीक और उसके भाई अशरफ पर 364A की धारा भी लगी है. इसमें 10 साल की कैद से लेकर फांसी की सजा का प्रावधान भी है. जज डीसी शुक्ला की कोर्ट ने अतीक को पेश करने के लिए आज तक का वक्त दिया था. जिसके बाद यूपी पुलिस उसे अहमदाबाद की साबरमती सेंट्रल जेल नैनी लाई है.
दरअसल, साल 2005 में BSP विधायक राजू पाल की गोली मारकर हत्या की गई थी. जिसका आरोप अतीक और उसके भाई अशरफ पर लगा. उमेश पाल राजू पाल की हत्या का सबसे बड़ा गवाह था. अतीक की राह में उमेश पाल सबसे बड़ा रोड़ा बन रहा था. उमेश ने आरोप लगाया था कि जब वो अतीक के दबाव में नहीं झुका तो साल 2006 में बंदूक की नोक पर उसका अपहरण कर लिया गया. अतीक के धमकाने के बाद अदालत में उसी के मुताबिक बयान दिए गए, लेकिन एक साल बाद उमेश ने अतीक और उसके भाई पर एफआईआर दर्ज करवा दी.
अतीक अहमद की इलाहाबाद में किसी समय में तूती बोलती थी. गैंगस्टर से विधायक और फिर सांसद बनने जैसा सुनहरा दौर भी अतीक ने देखा है. लेकिन जुर्म के रास्ते पर निकले अतीक का अतीत ही आज उसके लिए सबसे बड़ी मुसीबत बन गया है. आज इलाहाबाद की एमपी एमएलए कोर्ट से उसके गुनाहों का हिसाब होने वाला है. जिससे अतीक अहमद और उसका कुनबा बुरी तरह सहमा हुआ है.
-भारत एक्सप्रेस