Waqf Amendment Bill: देश में ‘वक्फ लैंड बिल’ पर चर्चा जारी है, पिछले दिनों भारत सरकार की ओर से इस बिल को सदन में पेश किया गया था, बीजेपी के अलावा एनडीए में शामिल जेडीयू और टीडीपी जैसे राजनीतिक दलों के सांसदों ने इस बिल का समर्थन किया था. दूसरी ओर, मुस्लिम संगठनों, संस्थानों, मुस्लिम बुद्धिजीवियों, मुस्लिम सांसदों और देश के विपक्षी दलों के नेताओं ने इस विधेयक का विरोध किया और इसे वक्फ़ से संबंधित गतिविधियों में अनावश्यक हस्तक्षेप बताते हुए सरकार की कड़ी आलोचना की थी. हालांकि, यह बिल अभी संयुक्त संसदीय समिति में विचाराधीन है.
उपरोक्त श्रृंखला के अंतर्गत शनिवार के दिन राजधानी दिल्ली स्थित एवान ग़ालिब, ग़ालिब इंस्टीट्यूट में ‘इंडियन मुस्लिम फॉर सिविल राइट्स’ नामक संस्था द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के आयोजन का उद्देश्य ‘वक्फ़ भूमि संशोधन विधेयक’ से जुड़ी खामियों और भारत सरकार की मंशा पर विचार व्यक्त करना था.
वक्फ़ भूमि संशोधन विधेयक पर व्यक्त किए गए विचार
‘इंडियन मुस्लिम फॉर सिविल राइट्स’ द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में कई सियासी पार्टियों के एमपी जैसे, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह, समाजवादी पार्टी के सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी, कांग्रेस सांसद नासिर हुसैन, कांग्रेस सांसद तारिक अनवर, समाजवादी पार्टी के सांसद ज़ियाउर्रहमान बर्क़, समाजवादी पार्टी की इकरा हसन, सांसद हमदुल्लाह सईद, पूर्व केंद्रीय मंत्री के रहमान खान, पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, जदयू एमएलसी खालिद अनवर समेत कई विभागों से जुड़े प्रमुख लोग, विभिन्न मुस्लिम संगठनों के सदस्य और पदाधिकारी शामिल हुए और वक्फ़ भूमि संशोधन विधेयक की ख़ामियों और उससे संबंधित विभिन्न पहलों पर अपने विचार व्यक्त किये.
पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेस पार्टी के सांसद नासिर हुसैन ने कहा कि उक्त बिल फिलहाल ‘संयुक्त संसदीय समिति’ में है और इस पर विचार-विमर्श चल रहा है. जब इसे सदन में पेश किया जाएगा तो हम इस पर चर्चा करेंगे।’
सरकार की मंशा और नियत सही नहीं: सपा सांसद
वहीं, इस मामले पर पत्रकारों से बात करते हुए समाजवादी पार्टी के सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी ने कहा कि इस बिल के ज़रिए सरकार ने जो संदेश दिया है, उससे पता चलता है कि सरकार की मंशा और नियत सही नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि ये संशोधन बिल संविधान के ख़िलाफ़ है. समाजवादी पार्टी के सांसद ने आगे कहा कि ‘वक्फ़ भूमि संशोधन विधेयक’ भारत के संविधान के प्रावधानों, जैसे अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 26 के ख़िलाफ़ है.
उन्होंने आगे कहा कि जब कोई मामले पर कानून बनाया जाता है या संशोधित किया जाता है, तो मौजूदा कानून से बेहतर या संशोधन के माध्यम से इसे अधिक स्थिर और अनुकूल बनाया जाता है. हालांकि, उक्त विधेयक से कोई सुधार नहीं दिख रही है, बल्कि इस संशोधन विधेयक के माध्यम से वक्फ बोर्ड को अस्थिर करने का प्रयास किया जा रहा है.
-भारत एक्सप्रेस