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Ayodhya Ram Mandir: राम मंदिर निर्माण में अब तक तक खर्च हुए 900 करोड़, बैंक खाते में जमा हैं 3,000 करोड़, 2025 तक पूरा होगा कार्य

श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने बताया कि, सरयू नदी के तट पर स्थित राम कथा संग्रहालय एक कानूनी ट्रस्ट होगा और वहां राम मंदिर का 500 साल का इतिहास और 50 साल के कानूनी दस्तावेज रखे जाएंगे.

निर्माणाधीन राम मंदिर (फोटो ट्विटर)

Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है. इसी के साथ जनवरी 2024 में होने वाले प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर भी तैयारियां जोरों पर हैं. इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी न्योता भेजा गया है. तो वहीं दूर-दराज के क्षेत्रों से आने वाले श्रद्धालुओं के रुकने व भोजन सम्बंधी बंदोबस्त को लेकर भी योजना बनाई जा रही है. तो वहीं खबर सामने आ रही है कि, राम मंदिर निर्माण कार्य में होने वाले खर्च को लेकर श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने जानकारी मीडिया से शेयर की है.

चंपत राय ने मीडिया को जानकारी दी है कि, श्री राम मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. वहीं शनिवार को ट्रस्ट के अधिकारियों ने अयोध्या में तीन घंटे की बैठक की, जिसमें विदेशी मुद्रा में दान लेने की कानूनी प्रक्रिया समेत 18 बिंदुओं पर चर्चा की. तो वहीं चंपत राय ने बताया कि, ट्रस्ट ने विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम के तहत अनुमति के लिए आवेदन किया है. इसी के साथ उन्होंने खर्च को लेकर जानकारी दी है कि अयोध्या में मंदिर निर्माण पर 5 फरवरी, 2020 से इस साल 31 मार्च के बीच 900 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं और ट्रस्ट के बैंक खातों में फिलहाल 3,000 करोड़ रुपये शेष बचे हैं. उन्होंने मंदिर निर्माण कार्य को लेकर अहम जानकारी देते हुए बताया कि, मंदिर तीन चरणों में जनवरी 2025 तक पूरा हो जाएगा.

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राम कथा संग्रहालय होगा कानूनी ट्रस्ट

ट्रस्ट सचिव ने मंदिर निर्माण कार्य के साथ ही जानकारी दी कि सरयू नदी के तट पर स्थित राम कथा संग्रहालय एक कानूनी ट्रस्ट होगा और वहां राम मंदिर का 500 साल का इतिहास और 50 साल के कानूनी दस्तावेज रखे जाएंगे. ताकि आने वाली पीढ़ियों को इसकी जानकारी मिलती रहे.

चंपत राय ने की अपील

तो वहीं सचिव ने देश भर के लोगों से अपील की है कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन सूर्यास्त के बाद अपने घरों की छतों व घरों के बाहर दीपक जलाएं, ये ठीक उसी तरह से होगा, जब भगवान श्रीराम के वनवास से अयोध्या लौटने पर लोगों ने दीपों की माला प्रज्ज्वलित कर दीपावली मनाई थी. ठीक उसी तरह हर घर में दीप प्रज्जवलित किए जाएं. इसी के साथ उन्होंने एक अहम जानकारी देते हुए कहा कि, प्राण-प्रतिष्ठा समारोह से पहले, भगवान राम के सामने चावल की पूजा की जाएगी और फिर इसे पूरे भारत में वितरित किया जाएगा. उन्होंने आगे बताया कि चावल (पूजित अक्षत) 1 से 15 जनवरी तक पांच लाख गांवों में वितरित किया जाएगा. इसके लिए एक समिति बनाई गई है जो अभिषेक समारोह के लिए गठित की गई है और उसे ये जिम्मेदारी सौंपी गई है.

22 जनवरी को होगा प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम

इसी के साथ सचिव चंपत राय ने जानकारी दी कि, 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को आयोजित किए जाने की सम्भावना है. इस अवसर पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश भर से करीब 10,000 गणमान्य व्यक्ति शामिल होंगे. प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद भव्य मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा.

-भारत एक्सप्रेस



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