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SATCAB SYMPOSIUM कार्यक्रम में बोले भारत एक्सप्रेस के CMD उपेंद्र राय- AI से रोजगार में नहीं होगी कमी, बल्कि मिलेंगे ज्यादा अवसर

भारत एक्सप्रेस के सीएमडी एवं एडिटर-इन-चीफ उपेन्द्र राय ने कहा कि इंडिया में ही नहीं, पूरी दुनिया में आगे आने वाले टाइम में सिनेरियो बदलने वाला है.

SATCAB Symposium 2025

भारत में टेलीविजन और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में हो रहे बदलावों पर चर्चा करने के लिए ‘SATCAB SYMPOSIUM 2025’ का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का आयोजन जी एंटरटेनमेंट मीडिया ग्रुप और इंडियन ब्रॉडकास्टिंग फाउंडेशन (IBW) ने मिलकर भारत मंडपम में किया. इस कार्यक्रम में भारत एक्सप्रेस के सीएमडी एवं एडिटर-इन-चीफ उपेन्द्र राय भी शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने मीडिया के बदलते दौर और AI को लेकर अपनी बात रखी. आइए बताते हैं उन्होंने क्या कुछ कहा.

ब्रह्मांड की उत्पत्ति से अब तक का सफर

भारत एक्सप्रेस के सीएमडी एवं एडिटर-इन-चीफ उपेन्द्र राय ने कहा कि इंडिया में ही नहीं, पूरी दुनिया में आगे आने वाले टाइम में सिनेरियो बदलने वाला है. उन्होंने आंकड़ा देते हुए बताया कि साल 1959 में हमारे देश में टेलीविजन आया, 15 सितंबर 1959 से अगले 16 सालों में 1975 तक सिर्फ सात शहरों में टेलीविजन की सेवा शुरू हो पाई. 1982 में पहली बार भारत को यह सौभाग्य मिला कि हम कलर टीवी पर पिक्चर देख सके. उसके बाद चीजें बहुत तेजी से बदलीं. मैं इस पूरे ब्रह्मांड की उत्पत्ति और यहां तक के सफर 7 कॉलखंडों में बांटकर देखता हूं.

पहला कालखंड जब हम आदिम युग में थे, तब हमारी औकात अगर स्पीशीज में देखी जाए तो कीड़े-मकोड़े से ऊपर थोड़ी ज्यादा थी. बाकी जंगल के हर जानवर से हम डरते थे. सूर्यास्त होने से बहुत पहले हम छुप जाते थे और दोपहर होने के बाद हम निकलते थे. जुगाड़ से कुछ खाने-पीने का सामान मिल जाता था. हमारी ऐसी शुरुआत हुई. वैज्ञानिक बताते हैं कि पृथ्वी की आधी उम्र हो चुकी है. कभी सूरज भी ठंडा पड़ जाएगा. कभी ये पृथ्वी भी ब्लैक होल में समा जाएगी.

दूसरा युग था, जब हमने आग का आविष्कार किया. आग के आविष्कार ने आदमी के हाथों में इतनी ताकत दी कि आदमी जंगल के शेर, भालू और चीते को भी डराने लगा. उसके बाद आदमी ने ये सोचा कि अब हम एक सभ्यता का विकास करते हैं, तो आदमी ने खेती शुरू की. इसके बाद आदमी ने कुछ खाने-पीने की पसंदीदा चीजों को जंगल से इकट्ठा किया और दो चार पांच लोगो का समूह बनाकर रहना शुरू कर दिया. जिसे मैं तीसरा कालखंड मानता हूं.

सीएमडी उपेन्द्र राय ने आगे कहा, चौथा कालखंड तब शुरू हुआ जब आदमी ने यात्रा शुरू की. जब आदमी के चलने के साधन बने और छोटे-मोटे खूरपी, कुदाल जैसी चीज का आविष्कार हुआ, तब आदमी पूरी तरह से सिविलाइज हुआ और कपड़ा पहनने लगा. इसके बाद आदमी आज के आदमी की तरह दिखने लगा. फिर पांचवा कालखंड आया. वहीं, छठवें कालखंड को आने में लाखों वर्ष लग गए. जब छोटी बड़ी मशीनों ने अपनी जगह बनाई.

“सातवें कालखंड में इंडस्ट्रियल रिवॉल्यूशन हुआ”

मशीनो को लेकर उन्होंने एक कहानी बताई. उन्होंने कहा कि यह सच्ची कहानी सब जानते होंगे. जब बाबर भारत में तोप लेकर आया था, तो हम तलवार से लड़ रहे थे. तब महाराणा प्रताप से किसी ने कहा कि भाई आदमी कितना भी बहादुर हो मारा ही जाएगा. उस समय टेक्नोलॉजी का इतना इंपॉर्टेंस समझ में आया. छठवें कालखंड में आदमी ने छोटी बड़ी मशीन बना ली छोटे-बड़े कल पुर्जे बना लिए. तमाम चीजें सेमी ऑटोमेशन मोड में आ गईं. इसके बाद सातवें कालखंड में मैं मानता हूं कि पूरा पूरे देश में इंडस्ट्रियल रिवॉल्यूशन हो गया, जो 16वीं शताब्दी से लेकर 20वीं शताब्दी के बीच का कालखंड है.

आठवां कालखंड AI का है- सीएमडी उपेन्द्र राय

आठवां कालखंड एआई का है. अब हमारे पास इतनी असीम संभावनाएं हैं कि हजारों डॉट क्रिएट करके हम एक नई चीज बना देते हैं. हमारे देश में लोगों के पास ऐसा दिमाग है कि अमेरिका की जो टॉप टेन कंपनियां हैं, उनके सीईओ इंडिया से हैं. रही बात टेलीविजन की, तो हम टेलीविजन को किस रूप में देखते हैं? मैं यह देखता हूं कि आने वाले दिनों में हमारा फोन एक बटन के रूप में कन्वर्ट हो जाएगा. आगे आने वाले समय में एक छोटी सी चिप हाथ में रहेगी, जिसको हम जब चाहे लगाएंगे. सोते वक्त चिप को निकाल देंगे. हमारी कलाई में छोटी सी चीज हमें लगानी होगी और हम कभी भी वर्चुअल किसी को भी देख सकेंगे. साथ ही दूसरी तरफ का आदमी भी ऐसा कर पाएगा. एलॉन मस्क का लेटेस्ट मोबाइल, मोबाइल की दुनिया का नया वर्जन हो सकता है.

“छोटी सी चिप में बदल जाएगा मोबाइल”

ऐसा इसलिए क्योंकि स्पेसएक्स का स्टारलिंक सैटलाइट है, वह ऑलरेडी आपको नंबर अलॉट कर देगा. आप उसपर भी टीवी देखते रहिए, जो वर्चुअल तौर पर आपके हाथ में लगा होगा. उसमें भी आप जो चाहें देखते रहें. मतलब हमारा मोबाइल बटन के आकार में हो जाएगा. मुझे याद है 90 के दशक में मैं बीबीसी रेडियो सुना करता था, तो कैलाश बुध जी थे. वह कार्यक्रम पेश करते थे. तब बड़े-बड़े टेप आते थे. इन सब में बचपन से ही मेरा झुकाव रहा. मुझे 28 साल हो गए मीडिया में काम करते हुए. जब ग्रेजुएशन फर्स्ट ईयर में था, तब से मीडिया में काम कर रहा हूं. तब बड़े-बड़े टेप आते थे, जो अब छोटी-छोटी चिप में कन्वर्ट हो गए हैं. अब उससे भी ऊपर टेक्नोलॉजी आ गई है. अब न्यू जनरेशन मोबाइल आने वाले हैं, उसमें मोबाइल नाम की कोई चीज ही नहीं रहेगी. मोबाइल अब एक छोटी सी चिप में रहेगा. उसका छोटा सा पार्ट आपके हाथ में रहेगा. वह छोटा चिप आप लगाएंगे तो आपका मोबाइल चालू हो जाएगा. निकाल कर रख देंगे सोते समय तो मोबाइल बंद हो जाएगा.

उड़ने वाली कारें बनेंगी- सीएमडी उपेन्द्र राय

दूसरी बात आज हम इलेक्ट्रिक व्हीकल की बात कर रहे हैं. 2050 तक इस पूरी दुनिया में ड्रोन टेक्नोलॉजी, हाइड्रो टेक्नोलॉजी और न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी की मदद से आसमान में उड़ने वाली कारें बनेंगी. आने वाले दिनों में सभी ट्रांसपोर्ट ड्रोन टेक्नोलॉजी की तरफ शिफ्ट हो जाएंगे, जो चार पहियों गाड़ी हम देखते हैं, सब बदल जाएगा.

पूरी दुनिया में 550 करोड लोग हैं, जिसमें से भारत में 117 करोड़ लोग मोबाइल से टीवी देखते हैं. इसमें 18 से 25 साल के बीच के करीब 86% युवा अपने मोबाइल पर टीवी देखते हैं, जो ट्रेडिशनल टीवी है उसको देखने वालों की संख्या धीरे-धीरे घट रही है.

सीएमडी उपेन्द्र राय ने कहा, जो हमारी हथेली के बराबर फोन है वह आपको और सुविधा देता है, और इस सुविधा ने आदमी के पूरे मनोविज्ञान को बदल कर रख दिया है. आगे आने वाले समय में ना फोन रह जाएगा, और ना हार्डवेयर. टीवी चलाने के लिए वायर या वायरलेस कनेक्शन की जरूरत होती है, और टीवी देखने के लिए एक जगह बैठना पड़ता हैं. लेकिन मोबाइल आपको एक साथ 10 काम करने की सुविधा देता है. यानीकि आप मोबाइल से मल्टीटास्किंग हो जाते हैं. तो इसका मतलब ये हुआ कि वस्तुएं हमें बहुत गहरी सुविधा देती हैं, जिससे हमें वस्तुओं के प्रति समर्पित नहीं होना चाहिए वस्तुएं हमारे प्रति समर्पित हैं ही.

AI से बढ़ेंगी नौकरियां- सीएमडी उपेन्द्र राय

सीएमडी उपेन्द्र राय ने कहा,  ‘AI के बारे में आज इतना मिसकन्सेप्शन हैं. लोगों को लगता है कि नौकरियां चली जाएंगी. जो डाटा बताया जा रहा है उसके अनुसार, करीब 80 करोड़ नौकरियां जाएंगी, लेकिन 95 करोड़ नौकरी मिलेगी भी. यानी 15 करोड़ नौकरी एआई के आने से प्लस होने वाली हैं. नौकरी जाने वाली नहीं है, लेकिन लोगों के बीच का डर यह है कि आदमी की जगह AI ले लेगा. मैं कहता हूं कि आदमी की जगह AI नहीं ले सकता. मैं आज चुनौती दे रहा हूं, जिस दिन दाल-चावल खाने के बाद कोई फिर से उसे बना दे, उसी दिन मैं मान लूंगा कि परमात्मा की सत्ता हार गई.

एलन मस्क का जिक्र करते हुए भारत एक्सप्रेस के सीएमडी एवं एडिटर-इन-चीफ उपेन्द्र राय ने कहा, मस्क एक प्राइवेट आदमी होते हुए भी सफल हुए. उन्होंने कभी स्पेस इंजीनियरिंग का एस भी नहीं सीखा. इसलिए मैं उस आदमी को बहादुर कह रहा हूं. मस्क ने चौथे प्रयास में अपने सैटेलाइट को अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित किया. इसके बाद नासा ने उसको तीन बिलियन डॉलर का पहला कॉन्ट्रैक्ट दिया. तब मस्क बैंकरप्सी के कगार पर पहुंच गया था. वह सब कुछ हारने की कगार पर पहुंचने के बाद भी लौट आया.

“जिसने भी रिस्क लिया, उसने समय बदला”

भारत एक्सप्रेस के सीएमडी एवं एडिटर-इन-चीफ उपेन्द्र राय ने कहा कि मैं ये कहना चाहता हूं कि लोगों ने इस कन्वर्जन की दिशा में अपना सहयोग दिया है. जिन लोगों ने थोड़ा रिस्क लिया, रिस्क के साथ ट्रैवल किया, उन्हीं लोगों ने असल में समय को बदलने की दिशा में पहला कदम बढ़ाया है. अगर कोई इसकी हिस्ट्री लिखी जाएगी, तो इन्हीं लोगों को लीडर के रूप में भी याद किया जाएगा.

उन्होंने स्पेस इंजीनियरिंग में नई टेक्नोलॉजी को लेकर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि जब मस्क को कॉन्ट्रैक्ट मिला था उसका यह कहना था कि भाई इसी कॉन्ट्रैक्ट में मुझे आपने इतना काम बता दिया है. तब मस्क ने कहा कि मैं रॉकेट बना रहा हूं वह एक बार आसमान में जाएंगा आप उसको विस्फोट कर देते हैं. मुझे लगता है कि क्यों न आसमान से रॉकेट को वापस भी बुलाया जाए. साथ ही उसे उसके पैनल पर दोबारा एस्टेब्लिश किया जाए. जहां से हम उसे दोबारा टेक ऑफ कर सकते हैं. तब स्पेस टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने कहा कि ये तो ग्रेविटी के सिद्धांत के खिलाफ है. तब मस्क ने पूछा कि ये सिद्धांत कब आया था. तब जवाब आया न्यूटन ने दिया था. मतलब न्यूटन के बाद किसी ने सोचा ही नहीं. मस्क ने कहा कि मैंने सोचा है कि मैं ऐसा करके दिखा दूंगा. एलन मस्क ने लगातार प्रयास से आसमान में ये करामात करके भी दिखाया. रॉकेट वापस उसी बोर्ड पर आकर एस्टेब्लिश हो गया.

कार्यक्रम में ये लोग रहे शामिल

‘SATCAB SYMPOSIUM 2025’ कार्यक्रम का संचालन लक्ष्य मीडिया ग्रुप के निदेशक अविनाश पांडे ने किया. इस अवसर पर लाइव टाइम्स न्यूज़ नेटवर्क के फाउंडर दिलीप सिंह, प्रेसिडेंट एवं मैनेजिंग डायरेक्टर पीसी नेटवर्क, रविंद्र नारायण और जी मीडिया ग्रुप की रिसर्च और डिस्ट्रीब्यूशन हेड, हेमलता शर्मा भी मौजूद थीं.

-भारत एक्सप्रेस



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