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Bharat Express Urja Summit: फडणवीस ने उद्धव ठाकरे पर बोला बड़ा हमला, कहा- सिर्फ मुख्यमंत्री बनने के लिए तोड़ा था गठबंधन

Bharat Express Urja Summit में शामिल हुए महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उद्धव ठाकरे का व्यवहार सनातन धर्म और हिंदुत्व के बिल्कुल विपरीत है.

भारत एक्सप्रेस के ऊर्जा समिट में महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से सीएमडी उपेंद्र रॉय ने सवाल-जवाब किए.

बुधवार (7 अगस्त) को मुंबई में हुए भारत एक्सप्रेस के ऊर्जा समिट में शामिल हुए महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर बड़े सवाल उठाए.

भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क के चेयरमैन, सीएमडी और एडिटर-इन-चीफ उपेंद्र राय ने उनसे सनातन धर्म, उद्धव के भाजपा से गठबंधन तोड़ने और बाला साहब के सिद्धांतों को लेकर सवाल किए, इसके जवाब में फडणवीस ने निम्नलिखित बातें कहीं.

सत्ता और सीएम बनने के लिए गठबंधन तोड़ा

देखिए, मैं आपको बहुत साफ कहता हूं, केवल और केवल सत्ता के लिए, केवल और केवल कुर्सी के लिए, केवल और केवल मुख्यमंत्री बनने के लिए वो (उद्धव ठाकरे) वहां गए, इसका दूसरा कोई कारण नहीं है. हम साथ में चुनाव लड़े थे चुनाव के हर भाषण में मोदी जी कहते थे, अमित भाई कहते थे, नड्डा जी कहते थे और स्वयं उद्धव जी भी ये कहते थे कि मेरे नेतृत्व में चुनाव लड़ा जा रहा है, देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जा रहा है.

सीएम पद देने के वादे पर क्या बोले

बार-बार यह घोषणा हुई थी कि हमारा मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार देवेंद्र फडणवीस है. अगर कोई वादा होता तो उस समय उद्धव जी ऑब्जेक्शन लेते कि भाई ये क्यों आप कह रहे, वादा तो ऐसा हुआ था, उन्होंने कभी कुछ नहीं कहा. फिर जैसे ही नंबर फंसे और उनके ध्यान में आया कि मैंने अगर पार्टी बदली, पाला बदला तो एक नई सरकार बन सकती है. तो उन्होंने उसका प्रयोग किया और प्रयोग करते समय उन्होंने श्रद्धेय बाला साहेब ठाकरे जी के विचारों को अपने कदमों तले रौंद दिया और आज भी अपने भाषणों में वो सनातन की बात, हिंदुत्व की बात करते हैं, लेकिन व्यवहार उसके बिल्कुल विपरीत है.

मुंबई धमाकों के आरोपी से प्रचार

आज परिस्थिति ये है कि हमने इस चुनाव में देखा कि शिवसेना (यूबीटी) के एक उम्मीदवार थे, उनका प्रचार मुंबई बम विस्फोट के आरोपी कर रहे थे. उनकी एक बड़ी रैली चल रही थी, उस रैली में पाकिस्तान का झंडा लगा हुआ था और लोग उस पर नाच रहे थे. अब मुझे बताइए अगर श्रद्धेय बाला साहब ठाकरे जीवित होते तो क्या इस चीज को सहन कर सकते थे, उनकी पार्टी सहन कर सकती थी.

इसलिए मुझ पर किया जाता है हमला

खुद पर विपक्षी नेताओं द्वारा लगातार हमला किए जाने को लेकर देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि देखिए, हमारी जो विरोधी पार्टियां हैं, इनको ये पता है कि इस सरकार की और अपोजिशन की या उनके अपोजिशन की ताकत, ये बीजेपी है. तो भारतीय जनता पार्टी पर हमला करें तो ही हम लोग नरेटिव तैयार कर सकते हैं और भारतीय जनता पार्टी की जब बात आती है तो सहजता के साथ उनको ये पता है कि चूंकि पार्टी को देवेंद्र फडणवीस लीड कर रहे हैं तो इनके ऊपर हमला करना चाहिए.

‘मैं आधुनिक अभिमन्यु हूं’

तो एक बहुत सोची समझी रणनीति के तहत चाहे वो शिवसेना (यूबीटी) हो, चाहे वो कांग्रेस हो, चाहे वो शरद पवार जी की पार्टी हो, ये सारे लगातार मुझ पर हमला बोलते हैं. मतलब इतना कोऑर्डिनेटेड एफर्ट है कि परसों मैंने उद्धव जी के ऊपर कोई बात कही तो उद्धव जी की सेना के (X/Twitter) हैंडल से कम, लेकिन मेरे ऊपर सबसे ज्यादा हमला किया कांग्रेस के हैंडल ने. तो इतना कोऑर्डिनेटेड हमला ये चल रहा है. ये लोग समझ रहे कि मैं अभिमन्यु हूं, चक्रव्यूह से बाहर नहीं आ सकता. इनको पता नहीं है, मैं आधुनिक अभिमन्यु हूं, चक्रव्यूह तोड़ना भी जानता हूं.

गठबंधन और समझौते करने पड़ते हैं

भष्ट्राचार को कोई आरोप नहीं लगने को लेकर फडणवीस ने भारत एक्सप्रेस के ऊर्जा समिट में कहा कि मैं हमेशा ये कहता हूं कि मैं दुनिया का सबसे ईमानदार आदमी हूं, ऐसा मैंने कभी दावा नहीं किया है. क्योंकि राजनीति में हम लोग जब काम करते हैं तो कई बार हमको ऐसे गठबंधन करने पड़ते हैं, ऐसे समझौते करने पड़ते हैं कि जो शायद हमारी मूल भूमिका के खिलाफ होते है.

पहले देश, फिर पार्टी और अंत में मैं

हमने भी कई बार इस प्रकार के गठबंधन किए, इस प्रकार के लोगों के साथ हम जुड़े पर ये सारी चीजें करते हुए एक बात मन में पक्की थी कि भाई इस समय की राजनीतिक आवश्यकता के कारण अपन ये चीजें कर रहे हैं, ये अपनी मूल भूमिका नहीं है. अपनी मूल भूमिका यही है, जो हमारी पार्टी ने विचार दिया है कि पहले देश फिर पार्टी और अंत में मैं, ये जो विचार पार्टी ने दिया इस विचार के लिए हमको काम करना है.

इसलिए एक प्रकार से उस समय की आवश्यकता के अनुसार मैंने कई समझौते किए होंगे, लेकिन व्यक्तिगत जीवन में जिस प्रकार से जीना चाहिए, उसमें मैंने कभी कॉम्प्रोमाइज नहीं किया और अनावश्यक केवल खुद के लिए, अपने परिवार के लिए या अपनों के लिए मैंने कभी कॉम्प्रोमाइज नहीं किया है.

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-भारत एक्सप्रेस

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