हार्ट ट्रांसप्लांट की टीम
अवनीश कुमार
Heart Transplant in PGI: अब हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए उत्तर प्रदेश वासियों को कहीं और जाने की आवश्यकता नहीं होगी. उनको इसकी सुविधा लखनऊ के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) में ही मिलेगी. हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए यहां कमेटी बना दी गयी है अब जल्द ही इसे शुरू करने की तैयारी शुरू कर दी गयी है. ऐसी सुविधा वाला उत्तर भारत का यह पहला केंद्र होगा.
अभी चेन्नई व दक्षिण के अन्य शहरों में ही होता है हार्ट ट्रांसप्लांट
ऑपरेशन थियेटर सहित अन्य सुविधाओं को लेकर टीम की ट्रेनिंग चेन्नई के हार्ट ट्रांसप्लांट सर्जरी सेंटर में पूरा हो गया है. संस्थान की तैयारी है कि जल्द इसे शुरू किया जाए, जिसका लाभ मरीजों को मिल सके. हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए बनी टीम में कार्डियोलॉजी के हेड डॉ. आदित्य कपूर को भी जिम्मेदारी सौंपी गयी है. अगर सरकारी अस्पताल की बात करें तो इन दिनों ज्यादातर चेन्नई के हार्ट ट्रांसप्लांट सर्जरी सेंटर व दक्षिण के अन्य शहरों में ही हार्ट ट्रांसप्लांट हो रहा है. हालांकि एक केस 1994 में एम्स दिल्ली में किए जाने की जानकारी सामने आती है, लेकिन अब अधिकतर केस चेन्नई में ही साल्व किए जाते हैं. एसजीपीजीआई के निदेशक आरके धीमान ने कॉर्डियोलॉजी, कॉर्डियोलॉजी सर्जन, एनेस्थीसिया, माइक्रोबायोलॉजी समेत कई डॉक्टरों की टीम बनायीं है जो ट्रांसप्लांट से जुड़े प्रक्रिया में आगे बढ़ रही है.
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10 से 15 लाख का आएगा खर्चा
कार्डियोलॉजी के हेड डॉ. आदित्य कपूर ने बताया कि एसजीपीजीआई में एक हार्ट ट्रांसप्लांट में 10 से 15 लाख तक रुपये तक का खर्च आएगा. इसमें सरकार की ओर से भी मदद मिल पायेगी. उन्होंने बताया कि एक हार्ट को दूसरी जगह ले जाने में प्रोटोकॉल बनेगा जिसमे प्रशासन का सहयोग लिया जायेगा ताकि कम समय में जल्द मरीज तक हार्ट को पहुंचाया जा सकेगा. कार्डियोलॉजी सोसाइटी ऑफ़ इंडिया की ओर से चौथा हार्ट फेलियर कॉन्फ्रेंस में भी इस पर चर्चा होगी. इसमें देश के कई डॉक्टर चर्चा करेंगे. डॉ. आदित्य कपूर ने बताया कि कॉन्फ्रेंस में कई विषयो पर चर्चा की जाएगी.
कोरोना के बाद हुए हार्ट अटैक के पीछे रहे हैं कई कारण
डॉ. आदित्य कपूर ने बताया कि कोविड के बाद जो हार्ट अटैक के मामले हैं, उसके पीछे भी कई कारण है, कोविड के बाद क्लोटिंग देखने को मिली जिसके चलते इस तरह की घटनाएं आई हैं. कोविड डायरेक्ट हार्ट फेलियर नहीं करता है. हार्ट अटैक न आये इस पर भी ध्यान देना है. इसके लिए जागरूकता जरुरी है. डायबीटिज के मरीज को विशेष ध्यान देना है, बीपी के मरीज भी बेहतर इलाज या दवा लें तो हार्ट अटैक की सम्भावना कम हो जाती है. शुगर कंट्रोल हो तो हार्ट अटैक की सम्भावना कम होती है.
-भारत एक्सप्रेस
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