कोसी की धरती पर पैदा हुए आनंद मोहन सिंह बिहार के सहरसा जिले के पचगछिया गांव से आते हैं. उनके दादा राम बहादुर सिंह एक स्वतंत्रता सेनानी थे. हालांकि, आनंद मोहन का सियासी करियर दागदार रहा है.
Buxar News: बिहार की राजनीति में दबंगई का चेहरा रहे JDU के पूर्व MP आनंद मोहन को कलेक्टर की हत्या मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. हालांकि, सजा होने पर भी इलाके में उसके नाम का खौफ नहीं मिटा. बाद में उसे और उसके समर्थकों को आरोप मुक्त कर दिया गया. अब खबर है कि आनंद मोहन और उसकी पत्नी लवली आनंद के कार्यक्रम में उसके समर्थकों के बीच झड़प हुई है. देखते ही देखते वे लोग आपस में ही भिंड गए और मंच पर ही हाथा-पाई करने लगे. काफी देर तक हो-हल्ला मचा रहा.
हैरत की बात यह है कि अफ़रा-तफ़री के माहौल के बीच आनंद मोहन और उनकी पत्नी मंच पर ही बैठे रहे. संवाददाता ने बताया कि काफी मशक्कत के बाद वहां शोर-शराबा बंद हुआ. हंगामा तब हुआ, जब डुमराव अनुमण्डल परिसर में स्थापित बक्सर के पहले लोकसभा सांसद महाराज कमल सिंह की मूर्ति लगने के बावजूद उसका अनावरण नहीं हो रहा था, इसी मामले में बातचीत के लिए स्थानीय लोग यहां एकत्रित हुए थे. आनंद मोहन के कुछ परिचितों का कहना था कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात कर आनंद मोहन महाराज कमल सिंह के मूर्ति का अनावरण कराएं.
एक पक्ष ने दूसरे पक्ष का यह कहते हुए विरोध किया कि जदयू के वरिष्ठ नेता पूर्व प्रदेश अध्यक्ष इसी डुमराव के रहने वाले हैं, फिर वह खुद अनावरण का काम क्यों नहीं करा रहे हैं. इसी तरह की बातें बढ़ती चली गईं और उसके बाद दोनों गुटों में भिड़ंत हुई. घटना के कई वीडियो सामने आए हैं, जिनसे समझा जा सकता है कि वहां किस तरह विवाद हुआ.
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संवाददाता के अनुसार, पूर्व सांसद आनंद मोहन, अपनी पत्नी के साथ शहर के ऐतिहासिक किला मैदान में फैन्स ऑफ आनंद मोहन के समर्थकों के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे थे, वहीं पर हंगामा मच गया. बहरहाल, मामला शांत बताया जा रहा है.
— भारत एक्सप्रेस
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