Bihar Fodder Scam Case
Bihar Fodder Scam Case: लालू यादव ने बेल को रद्द करने की मांग करने वाली CBI की याचिका का सुप्रीम कोर्ट में विरोध किया है. नौकरियों के बदले जमीन घोटाला मामले में सीबीआई ने बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, उनके पिता और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद और मां और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है. लालू यादव ने कहा कि उनकी जमानत को निलंबित करने के झारखंड हाईकोर्ट के आदेश को सिर्फ इस आधार पर चुनौती नहीं दी जा सकती कि सीबीआई असंतुष्ट है. अपने जवाब में लालू यादव ने खराब स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें हिरासत में रखने से कोई मकसद पूरा नहीं होगा.
सप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को हुई थी सुनवाई
लालू यादव ने सीबीआई की याचिका को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. सीबीआई ने लालू की जमानत रद्द करने की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को डोरंडा कोषागार मामले में उन्हें दी गई जमानत को रद्द करने की मांग करने वाली सीबीआई की याचिका पर सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया. इस मामले में उन्हें पांच साल जेल की सजा सुनाई गई है.
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने सुनवाई की. शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई 25 अगस्त को तय की है. उच्च न्यायालय ने 22 अप्रैल, 2022 को डोरंडा कोषागार गबन मामले में लालू यादव को जमानत दे दी थी.
लालू प्रसाद यादव के खिलाफ क्या है मामला?
डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये से अधिक के गबन से जुड़े चारा घोटाले के मामले में रांची की एक विशेष सीबीआई अदालत ने लालू प्रसाद यादव को पांच साल जेल की सजा सुनाई थी. साथ ही 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. 15 फरवरी को रांची की सीबीआई अदालत ने लालू प्रसाद यादव को दोषी ठहराया था. इसके बाद 21 फरवरी को उन्हें चारा घोटाला मामले में पांच साल की कैद और 60 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई थी. जब यह घोटाला हुआ, तब लालू यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे.
सीबीआई ने आरोप लगाया था कि लालू प्रसाद यादव को पशुपालन विभाग के जरिए रिश्वत मिली थी. फर्जी चालान और बिल जारी किए गए जिन्हें वित्त विभाग द्वारा मंजूरी दे दी गई और राजकोष के माध्यम से पैसा जारी किया गया. अब सीबीआई ने उनकी जमानत रद्द करने की मांग की है.