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Bihar लोक सेवा आयोग कार्यालय के बाहर छात्रों का प्रदर्शन, पुलिस ने किया लाठीचार्ज, जानें किस बात का है विरोध

राजद नेता तेजस्वी यादव ने पटना में प्रदर्शनकारी छात्रों पर हुई पुलिसिया कार्रवाई को निंदनीय बताया है. उन्होंने कहा कि यह सरकार के अहंकार और अफसरशाही के तानाशाही का प्रतीक है.

Bihar Police Lathi-charge-on Students: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के अभ्यर्थियों ने पटना में बीपीएससी कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. अभ्यर्थियों ने शहर में बेली रोड को भी जाम कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों को तितर-बितर करने और व्यवस्था बहाल करने के लिए लाठीचार्ज किया.

बीपीएससी परीक्षा के लिए ‘एक शिफ्ट, एक पेपर’ (One Shift One Paper) की मांग को लेकर अभ्यर्थी बड़ी संख्या में एकत्र हुए हैं. प्रदर्शनकारी अभ्यर्थी 70वीं बिहार लोक सेवा आयोग सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा को पिछले वर्षों की तरह ही आयोजित करने की मांग कर रहे हैं. साथ ही परीक्षा प्रक्रिया को सामान्य बनाने की मांग कर रहे हैं. वे मांग कर रहे हैं कि आयोग वही परीक्षा प्रक्रिया अपनाएं, जो निष्पक्षता और एकरूपता के लिए अपनाई जाती रही है.

प्रदर्शन अवैध: बिहार DSP

प्रदर्शन के बारे में Bihar DSP अनु कुमारी ने कहा कि यह प्रदर्शन अवैध है, क्योंकि उनके पास इसकी कोई अनुमति नहीं है. हम पांच लोगों के प्रतिनिधिमंडल के नाम मांग रहे हैं जो उनकी मांगों को आगे रखेंगे. इस बीच BPSC सचिव सत्य प्रकाश शर्मा ने कहा कि आयोग सामान्यीकरण पद्धति से परिणाम जारी नहीं करेगा. आयोग की छवि खराब करने के लिए अफवाह फैलाई जा रही हैं.

पुलिस की कार्रवाई निंदनीय

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव छात्रों पर हुई पुलिसिया कार्रवाई को निंदनीय बताया है. सोशल साइट एक्स पर उन्होंने लिखा, ‘आज पटना में #𝐁𝐏𝐒𝐂 अभ्यर्थियों पर बिल्कुल ही निंदनीय, आपत्तिजनक एवं बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज हुआ है, जो भाजपा-नीतीश सरकार के अहंकार और अफसरशाही के तानाशाही का प्रतीक है.

तेजस्वी ने उठाए सवाल

उन्होंने आगे कहा, ‘मुख्यमंत्री 𝟐𝟐𝟓 करोड़ की तथाकथित दिखावटी ‘संवाद यात्रा’ पर निकलने से पूर्व वह यह जवाब दें कि: 𝟏. क्या बिहार के वर्तमान और भविष्य, बिहार के विद्यार्थियों से संवाद स्थापित करना उनके एवं उनकी अनेक दलों की सरकार के लिए कठिन है? 𝟐. क्या आयोग द्वारा स्पष्टीकरण देना उनकी शान के खिलाफ है? 𝟑. क्या सर्वर की खामी को स्वीकारते हुए फॉर्म भरने के अवसर को पुनः उपलब्ध करवाना असंभव है? 𝟒. क्या पेपरलीक एवं कदाचार मुक्त परीक्षा की माँग करना अनुचित है? 𝟓. आयोग और सरकार के रवैये को देख क्या अभ्यर्थी यह मान लें कि यह परीक्षा औपचारिकता मात्र है?’

नीतीश कुमार को लिखा था पत्र

इससे पहले गुरुवार को तेजस्वी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखकर बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा के अभ्यर्थियों की समस्याओं को उजागर किया.

तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पत्र साझा करते हुए लिखा था, ‘मैं बिहार लोक सेवा आयोग की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा में अभ्यर्थियों की समस्याओं के समाधान के लिए यह पत्र लिख रहा हूं. आयोग के सर्वर की खामी के कारण फॉर्म भरने की आखिरी तारीख से 2-3 दिन पूर्व में सर्वर के ठीक से कार्य नहीं करने के कारण लाखों अभ्यर्थी फॉर्म भरने से वंचित रह गए थे, जो कि उनके भविष्य और सतत परिश्रम के लिए एक आघात है. अपनी ही विफलता के लिए आयोग द्वारा फॉर्म भरने में असमर्थ रहे अभ्यर्थियों को ही उल्टा अगंभीर ठहरा देना, अफसरशाही के अहंकार और तानाशाही को प्रदर्शित करता है.’

तेजस्वी ने सरकार से रखी ये मांग


1. परीक्षा फॉर्म भरने के लिए अभ्यर्थियों को 5 अतिरिक्त दिन दिए जाएं, ताकि आयोग की नाकामी अथवा सर्वर की खामी के कारण जो अभ्यर्थी फॉर्म नहीं भर सकें, वे फॉर्म भर पाएं.

2. आयोग 70वीं BPSC की प्रारंभिक परीक्षा की तिथि आगे बढ़ाए, ताकि अभ्यर्थियों को पर्याप्त समय मिल सके.

3. नॉर्मलाइजेशन पर अपनी नीति स्पष्ट की जाए. उचित होगा कि सामान्यीकरण की विवादित और अन्यापूर्ण प्रक्रिया से बचा जाए.

4. परीक्षा एक दिन एक शिफ्ट, एक पेपर, एक पैटर्न में बिना पेपर लीक हो.

(समाचार एजेंसी आईएएनएस से इनपुट के साथ)

-भारत एक्सप्रेस



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