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डीपफेक के खतरे पर MLA डॉ. राजेश्वर सिंह ने कानून मंत्री को लिखा पत्र, दिए ये सुझाव

उन्होंने लिखा कि डीपफेक से संबंधित अपराधों को रेगुलेट करने के लिए विधायी ढांचे पर फिर से काम करने का समय आ गया है.

Deep Fake Law: बॉलीवुड एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना से लेकर कैटरीना कैफ और सचिन तेंदुलकर की बेटी सारा तेंदुलकर की डीपफेक तस्वीरें और वीडियोज आने के बाद सोशल मीडिया पर AI के दुरुपयोगों की चर्चा शुरू हो गई है. दिवाली मिलन समारोह के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मुद्दे पर अपनी चिंता जाहिर की थी. वहीं अब इस मामले में उत्तर प्रदेश के बीजेपी विधायक डॉ राजेश्वर सिंह ने केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को पत्र लिखा है और आईटी एक्ट के नियमों को और सख्त करने की मांग की है.

भाजपा विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने केंद्रीय कानून मंत्री को लेटर लिखा है कि नकली वीडियो बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का सहारा लिया जा रहा है. ऐसे में खुफिया जानकारी को चुराने में भी यह बेहद अहम हो सकता है. उन्होंने कहा है कि विधायिका को कानूनों में संशोधन करना होगा. उन्होंने लिखा कि डीपफेक से संबंधित अपराधों को रेगुलेट करने के लिए विधायी ढांचे पर फिर से काम करने का समय आ गया है. ये अपराध डिजिटल जालसाजी के तौर पर हो रहे हैं.

खतरों से कराया रूबरू

AI की मदद से बनने वाले ये वीडियो और तस्वीरें लोगों की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा रहे हैं. जिससे निजता का उल्लंघन हो रहा है. इससे राष्ट्र के लोकतांत्रिक और सामाजिक ताने बाने पर भी बुरा असर पड़ सकता है इसलिए इसे जल्द से जल्द रोकने के लिए एक सख्त कानून की आवश्यकता होगी. उन्होंने कहा है कि इसके लिए मौजूदा कानूनों में जो भी खामियां हैं, उन्हें संशोधित करना होगा.

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कानून मंत्री को दिए ये सुझाव

राजेश्वर सिंह ने अपने पत्र में कहा है कि यह केवल निजता के अधिकार को नहीं बल्कि, राजनीतिक स्थिरता पर भी बुरा प्रभाव डाल सकती है. इसके अलावा यह आर्थिक स्थिति के लिए भी एक चुनौती बन सकता है. इन अपराधों को रोकने के लिए उन्होंने आईटी एक्ट में संशोधनों के सुझाव दिए हैं. उन्होंने कहा कि आईटी एक्ट की धारा 66सी के तहत  3 साल की सजा दी जाए. साथ ही जुर्माना 1 से बढ़ाकर 5 लाख किया जाए. इसी तरह आईपीसी की धारा 420 और 468 के तहत सजा बढ़ाई जाए औऱ मौजूदा 7 वर्षों से बढ़ाकर 10 वर्ष किया जाए.

-भारत एक्सप्रेस



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