कैलाश मेघवाल व अर्जुन राम मेघवाल
Rajasthan Politics: राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश बीजेपी में बवाल मचा हुआ है. बीजेपी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता कैलाश मेघवाल को ‘अनुशासनहीनता’ के आरोप में प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है. पिछले कुछ समय से कैलाश मेघवाल केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पर हमलावर थे. उन्होंने केंद्रीय मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे और उन्हें मंत्री पद से हटाने की मांग कर रहे थे.
मेघवाल सार्वजनिक मंच से कई बार केंद्रीय मंत्री को बर्खास्त करने की मांग कर चुके थे. अब इसके बाद बीजेपी के विधायक एवं राजस्थान विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष कैलाश मेघवाल को ‘अनुशासनहीनता’ के आरोप में पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया है. कैलाश मेघवाल को पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का करीबी माना जाता है. ऐसे में राजस्थान में गुटबाजी का सामना कर रही बीजेपी के लिए ये मामला अंदरूनी कलह का एक और कारण हो सकता है.
कैलाश मेघवाल को पार्टी से किया गया बर्खास्त
भाजपा की प्रदेश अनुशासन समिति के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत ने बताया, ‘‘भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने शाहपुरा से कैलाश मेघवाल को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित करने का आदेश दिया है.’’ लखावत ने कहा कि कैलाश मेघवाल को अनुशासन भंग करने के लिये कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था और इन्हीं आरोपों में उन्हें पार्टी से निलंबित किया गया है.
उन्होंने बताया कि कैलाश मेघवाल के इस पूरे प्रकरण को पार्टी की प्रदेश अनुशासन समिति को आगे की कार्रवाई के लिए भेजा गया है. इससे पहले भाजपा के वरिष्ठ विधायकों में से एक कैलाश मेघवाल ने बुधवार को कहा था कि केंद्रीय मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के बाद पार्टी की ओर से उन्हें ‘अनुशासनात्मक कार्रवाई’ का नोटिस जारी किया गया था. उन्होंने कहा कि इसका जवाब उन्होंने 12 सितंबर को प्रदेश अध्यक्ष को भेज दिया है. उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर केंद्रीय मंत्री पर सात आरोप लगाते हुए उन्हें मंत्री पद से हटाने की मांग की थी.
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कैलाश मेघवाल ने केंद्रीय मंत्री को बताया था ‘भ्रष्ट’
कैलाश मेघवाल ने कहा, ‘‘मैंने पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि कोर्ट में विचाराधीन मामलों का फैसला नहीं हो जाता तब तक अर्जुन राम मेघवाल को मंत्री पद से हटाया जाए. मैं चुनाव आयोग को इस बारे में लिखूंगा कि उनकी लोकसभा सदस्यता खारिज की जाए.”
भाजपा के वरिष्ठ विधायक ने कहा कि यह चुनावी स्टंट नहीं है. जब इनको कानून मंत्री बनाया गया तब मैं चेता और चेतने का एक कारण और था कि एक भ्रष्ट व्यक्ति कानून मंत्री बने, यह देश के लिए सही नहीं है, इसलिए मैंने उनके खिलाफ सबूत जुटाने शुरू कर दिए.
-भारत एक्सप्रेस
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